प्रेम प्रेम से बड़े न दूजो आन । प्रेम से बड़े न दूजो आन ।। प्रेम जहाँ फलता – फूलता है , मिलता विजय , श्री, सम्मान । प्रेम बिना…
अलख जगाएँ-मीरा सिंह
अलख जगाएँ सोच समझकर कदम बढ़ाएँ इस दुनिया में नाम कमाएँ। जीवन धन अनमोल मिला है इस जीवन का मान बढ़ाएँ। मिल जाए गर विपदा कोई तनिक नहीं उससे घबराएँ।…
शीत-एस.के.पूनम
छंद:-मनहरण घनाक्षरी “शीत” सघन है काली रात,रौशनी है थोड़ी-थोड़ी, बंद हुआ घर-द्वार,जाड़े का आलम है। सूर्य ढ़का तुहिन से,घूप थोड़ा निकाला है, आलस्य डेरा डाला है,सर्दी का पैगाम है। चहल-पहल…
दहलीज में सिमटी जिंदगी का सबक- विकास कुमार
भीड़ भरी इस दुनिया में कूप सन्नाटा पसरा है। जब हवा ही कातिल हुई, फिर किस सांस का आसरा है।। घुटनों के बल अब सत्ता है। दंभ, ज्ञान,सामर्थ्य अब, लगता…
मित्रता- अमरनाथ त्रिवेदी
मित्रता है अनमोल कहानी , जो खुद कहती रहती है । जीवन के अनछुए प्रसंग में भी , रसधार रूप में बहती है । मित्रता है जीवन का चिंतन ,…
आहट – जयकृष्णा पासवान
वक्त अभी ठहरने का है, और समय बहुत परेशान हो- गया है। मन का अभी सुनिए मत, दिल अभी लहू-लुहान हो गया है।। अश्क़ का दरिया अभी, सुखता ही नहीं…
समाधान-अमरनाथ त्रिवेदी
समाधान है अपने कर में , हम पीछे क्यों रह जाते है ? चिंता से चतुराई घटती , फिर चिंता में क्यों पड़ जाते हैं? यह मानव जीवन है प्यारे…
प्यारा गाँव- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
सबसे प्यारा गाँव हमारा, अद्भुत सुंदर न्यारा है। चलो तुम्हें हम आज दिखाएँ, उर का भाव हमारा है।। होती अनुपम मृदा गाँव की, सत्य सभी ने जाना है। खान गुणों…
गंगा अब मैली नहीं- कंचन प्रभा
सुनाई देती है वही सुरीले पंछी की चहचहाहट फिर से है हवाओं में शीतल सी वही गीतों की गुनगुनाहट फिर से दिखाई देती है अब साँझ की दुल्हन में शरमाहट…
ज्ञान के आलोक में -अमरनाथ त्रिवेदी
ज्ञान के आलोक में , अज्ञानता को छोड़ दो । जलन की ; हठधर्मिता की , सारे बंधन तोड़ दो । ले पताका असीम व्योम में , उड़ चलो तुम…