मनहरण घनाक्षरी “”””””””””””””””””””’” “डूबते को तिनके का” +++++++++++++ हजारों तारों के बीच, हमेशा चमकता है, जैसे आसमान बीच- एक ध्रुवतारा है। धीर-वीर पुरुषार्थी, दुनिया में पूजे जाते, अकेला सूरज करे-…
अवकाश चाहिए -संजय कुमार
थकान जो उतार दे, मन के अवसाद का मुझे वैसी अवकाश चाहिए। भागम भाग भरे जीवन में यन्त्र बने हम काम करे। खत्म नहीं होता यह फिर भी नहीं समय…
दोहावली -देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
काया वह किस काम की, अगर न हो उपयोग। श्रम की ज्वाला में तपा, करिए तब उपभोग।। बुरा कर्म होता बुरा, रहिए इससे दूर। अपनाकर सत्कर्म को, भरें तोष भरपूर।।…
बगावत नहीं होती -डॉक्टर मनीष कुमार शशि
भगवान की अदालत में वकालत नहीं होती, किसी के चिल्लाने से कयामत नहीं होती। जहाँ रहेंगे सच्चरित्र औ पक्के ईमानवाले, किसी के भड़काने से बगावत नहीं होती। इतना सीख चुका…
स्नेह -जयकृष्ण पासवान
हर रंग- रंग के अंग -अंग में, पावन रस भर जाता है। खुशियों की तू इत्र है मानो, रोम-रोम महक जाता है ।। दरिया के हर बूंद- बूंद में, प्रेम…
क्रोध के अतिरेक से बचें- मो.मंजूर आलम
गुस्सा…. हर किसी को है आता , यह स्वाभाविक भी है- लेकिन क्या आपको है पता ? यदि आप गुस्सा प्रकट नहीं करते, तो खतरे से हैं खेलते! जी हां,…
फुर्सत में बस्ता -रंजीता शर्मा
मटक मटक कर बस्ता आया आज खुशी से गुड़िया संग घर पर आया तनकर बोला स्कूल मे आया नया उमंग शनिवार को नही करेगा बोझ तुम्हें बस्ते का तंग बिन…
बाल दिवस- नवाब मंजूर
नेहरू जी का जन्म दिवस बना बाल दिवस! था उन्हें बच्चों से स्नेह और प्यार लुटाते थे उन पर करूणा अपार उनसे मिलना बातें करना उन्हें भाता था यदाकदा गोद…
नटखट बचपन के दिन-अपराजिता कुमारी
बेफिक्री, बेपरवाहीयों के वे दिन चंचलता, शैतानीयों, शरारतों डांट डपट झिड़कियों उलाहनों उटपटांग हरकतों से भरे दिन ढेरों मिठी मिठास से भरे तीखी, खट्टी, चटपटी, चुलबुली कभी मखमली कभी कड़वी…
कुदरत का कहर- जय कृष्णा पासवान
कुदरत किया कहर वर्षाया, प्रकृति संपदा बचाने को । “स्वच्छ मन पावन रिश्ता” निर्मल गंगा बहाने को ।। पाप की पुंजी भर गया, मानवता केअस्तित्व मिटाने को । “हवा का…