होली में-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद रंगों का त्योहार आया, खुशियां अपार लाया, आपस की बैर भूल, गले मिलें होली में। गली-गली मचा शोर, खुशी छाई चहुं ओर, बाल, वृद्ध, युवा रंग- खेलें…

होली के रंग खुशियों के संग -विवेक कुमार

फागुन की बयार लाए मौसम की फुहार, उदास मन में लाए नवीनता की बहार , सूने चमन में छाए उमंगों की खुमार, अनकहे रिश्तों में लाए बेहतरीन निखार, टूटे दिलों…

होली-मनु कुमारी

होली मधुऋतु देखो आई, अली मन खुशी लाई, पिया संग खूब हम, प्रेम गीत गायेंगे। गुलाल अबीर रंग, खेलेंगे प्रीतम संग, पकवान मजे लेके, खूब हम खायेंगे। पौराणिक कथा कहे,…

दोहावली-देव कांत मिश्र

दोहावली फागुन भावन जब सरस, घुलते प्रेमिल रंग। पावन पूनम प्यार में, दिखती नई उमंग।। खेलें होली प्यार से, करें नहीं हुड़दंग। प्रेम भाव में है छुपी, अद्भुत नवल तरंग।।…

होली-प्रीति

होली होली आई होली आई रंग बिरंगी खुशियां लाई लाल पीले हरे नीले चटक गुलाबी और चमकीले रंगों से भर भर पिचकारी राधा मोहन खेले होली आओ प्यारे बच्चों आओ…

रंगोत्सव- मधु कुमारी

रंगोत्सव ——— चली रंगोत्सव की बयार सब पर छाया प्रेम खुमार एहसास भर पिचकारी में शब्द रंग उड़ाऊँ, मैं बेशुमार प्रीत रस की छाई मीठी फुहार भींगे एक दूजे संग…