रघुवर सरकार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जग के पालनहार रघुवर सरकार, हमारे आराध्य देव राम भगवान हैं। दीनों पे अकारण हीं करूणा हैं बरसाते, उनके सेवक भक्त वीर हनुमान हैं। लखन अनुज भ्राता जननी कौशल्या माता,…

राम रमैया – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

आज घर-घर में बाजे बधैया हो, अइलन राम रमैया। राजा लूटावैं अन्न-धन सोनमा, रानी लुटावैं रूपैया हो,अइलन राम रमैया।। देख मगन भेल सब नर-नारी, आरती उतारें मिल तीनों महतारी। मिल…

राजा राम – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

सजी है अवधपुरी नवेली दुल्हन जैसी, सिंहासन बिराजेंगे, सबके दुलारे राम। संत-भक्त-साधकों का सपना साकार हुआ, बैठे थे वे सदियों से, विश्वास की डोर थाम। भारत के नर-नारी उन पर…

प्रेम भरी वाणी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

ठोस परिणाम हेतु काम आता अनुभव, बीमारों को पथ्य वास्ते, चावल पुरानी हो। जीवन में सोच कर कदम बढ़ाएं सदा, हर शुभ कार्य हेतु जोश व जवानी हो। निराशा-आलस्य नहीं…

प्रेम उपहार-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद सबकी बनाए भाल चौबीस का नया साल, साथियों के लिए लाए, खुशियां अपार है। आप सभी छोटे बड़े रहते हैं साथ खड़े, आपकी दुआएं हमें, दिल से…

झूठी शान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जब कोई बेसहारा पाता हो सहारा नहीं, दिखावे को महलों में रखते हैं बाँध स्वान। सोने हेतु काफी होता दो गज जमीन जब, क्या फायदा रहने को, भवन हो आलिशान?…

समय है गतिमान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

नश्वर दुनिया में है धर्म केवल शाश्वत, लोभ-मोह छोड़कर, नित्य करें प्रेमदान। जगत पिता से यहां कुछ भी है छिपा नहीं, आते जाते रात दिन, देख रहा दिनमान। पेट भरने…

छठ पर्व – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

विद्या:- मनहरण घनाक्षरी छंद छठ व्रती आस रख, मन में विश्वास रख, खुद निराहार रह, करते हैं खरना। शाम-सुबह सूर्य को करते हैं अर्घ्य दान, व्रतियों को रात-दिन, पड़ता है…