सतत हो अभिनंदन राम का।
सहज हो जप सुंदर नाम का।।
सुलभ हो पल जीवन धाम का।
सहज हो फल पुष्पित काम का।।०१।।
सरल हैं रघुनंदन जान लें।
सहज में चित वंदन मान लें।।
महज जो गुणगान किया जहाँ।
सतत पाप पहाड़ ढहा वहाँ।।०२।।
अमन चैन मिले सबको वहाँ।
हृदय तार जुड़े सबका जहाँ।।
सुबह शाम जहाँ हरि नाम धरे।
विमल भाव सदा सब काम करे।।०३।।
धवल निर्मल सा मन कीजिए।
कलुष भाव नहीं मन लीजिए।।
चरण राम सदा चित लाइए।
सहस प्रेम रमा तन पाइए।।०४।।
हरण कष्ट करें जननी रमा।
सकल विघ्न हरे सबकी उमा।।
नमन भी गणनायक कीजिए।
अमृत सा शुभता रस पीजिए।।०५।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला
बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
0 Likes
