राष्ट्रकवि सोहनलाल द्विवेदी – सुधीर कुमार

सोहनलाल द्विवेदी की मैं गाथा तुम्हें सुनाता हूँ । इनका जीवन और कृति से परिचय तुम्हें कराता हूँ द्विवेदी जी का हिंदी में है बहुत उच्च स्थान । राष्ट्र प्रेम…

वर्षा की बूंदे – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण बाल घनाक्षरी “””””””””””””””””””””””” टप – टप गिरे ऐसे, लगता है मोती जैसे, नभ से वर्षा की बूंदे रिमझिम बरसे। ताल भरे लाजबाव, पानी करे छपा-छप, मछली पकड़ने को बालमन…

रावण दहन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

अपने अंतर्मन का, रावण दहन करें, लोभ-मोह, दर्प-मान बड़ा ही दानव है। दूसरों से बैर भाव, मानवता का अभाव, क्षुद्र बुद्धि अहंकार पीड़ित मानव है। काम- क्रोध पद- रूप, पुत्र-धन,-…

भजन – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

तोहर माथे में मुकुट गले हार सोहे ला, माई दसों हाथ तोहर हथियार सोहे ला। कर में कंगन सोहे भाल सोहे बिंदिया, असुरों के देख तोहे आवे नहीं निंदिया। तोहर…

सुनियौ अरज ओहिना – नीतू रानी

भगवती गीत सुनियौ अरज ओहिना अरज ओहिना अरज ओहिना हे जननी सुनियौ अरज ओहिना, बच्चा केअ माता सुनैये जहिना—2 सुनियौ अरज ओहिना——२। तोरब अरहुल फूल पूजब हम नोर सॅ कतबो…

छागर की माॅ॑ – नीतू रानी” निवेदिता”

छागर की माॅ॑ बकरी कहती है क्या यहीं है नवरात्रि का त्योहार, जिस त्योहार में की जाती है मेरे आगे मेरे बच्चों की मार-काट। मत मारो मेरे बच्चे को न…