जय -जय अम्बे,जय जगदम्बे, सुन लो अरज हमार। सकल जगत की तू हो माता , विनती सुनो हमार। तू हो माता ब्रह्म स्वरूपा, अविगत,अलख, अनादि अनूपा। सत्य सनातन तू हो…
Author: Anupama Priyadarshini
मां के नवरुपों का दर्शन- विवेक कुमार
मां की महिमा है बड़ी निराली, उनके रूपों में दर्शन देती मां काली, नवरात्रा में मां के नव रूपों के दर्शन को है मन खाली, तरस रही अंखियां, बजा रही…
बापू- नीतू रानी
आज है 02 अक्टूबर का दिन आज का दिन है बड़ा महान, आज हीं जन्म लिए मेरे बापू हम सब मिलकर करते हैं इन्हें नमन। 02 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर…
प्रभाती पुष्प – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद हर साल नवरात्रि, माता की चरण आवे, पूजा बिना सुना लगे महल अटरिया। धन पद सुत दारा, कुछ दिनों का सहारा, चाहत में यूं ही सारी बीती…
खुद को दीप्तिमान कर – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
शांति से सहन कर,अहं का दमन कर, बेकार तकरार में,वक्त न गवाइए। आलस्य को तज कर,खड़ा रह डट कर, विपरीत धार में भी,आगे बढ़ जाइए। चल तू संभल कर, पग…
माता रानी- नीतू रानी
गज चढ़ी अहाँ एलौं हे माता रानी, जेती गज चढ़ी भगवती। माँ हँसति खल-खल दाँत झल-झल, रुप सुन्दर भगवती। गज चढ़ी अहाँ———2। माँ बाम छूरा दहिन खप्पर, महिषासुर केए मारती।…
कत्यायनी माता- नीतू रानी
कत्यायनी माँ एली हे मैया , नौ रुप में अहाँ भगवती। माँ सिंह सवारिनी त्रिशूल धारिणी, महिषासुर केए मारती। कत्यायनी माँ———-2। माँ शंख गहि-गहि चक्र गहि-गहि गले मुंड माला शोभति।…
कुंडलिया- देव कांत मिश्र ‘दिव्य
माता की आराधना, करो सदा प्रणिपात। अंतर्मन के भाव में, भरो नहीं आघात।। भरो नहीं आघात, कर्म को सुंदर करना। मन की सुनो पुकार, पाप को वश में रखना। पढ़कर…
प्रार्थना – सुधीर कुमार
मात्रा – १९ २१२२ २१२२ वंदना माँ शारदे की सब करो । ध्यान माता के चरण में अब धरो ।। आ गए बच्चे सभी तेरे यहाँ । कर रहे आराधना…
बेटियाँ जरूरी होती हैं – रूचिका
धरा की खूबसूरती और बढ़ाने के लिए, रिश्तों को प्रेम रंग में सजाने के लिए, बेटी,बहन,पत्नी,प्रेमिका मॉं ,फुआ, रिश्तों के अनेक रूपों में भावों को सदा ही दिखाने के लिए,…