केवल प्रकाश है – एस.के.पूनम

प्रिय दीप बनकर, हिया करे जगमग, शेष नहीं अब दंभ,केवल प्रकाश है। नित्य दीया जल कर, बिखरने लगी आभा, उज्जवल धरा नीचे,ऊपर आकाश है। परछाईं बन कर, साथ देना उम्रभर,…

दीपावली – एस.के.पूनम

शीतल कार्तिक मास, आशाओं के फूल खिले, करें अब खरीदारी,कई मिले हैं संदेश। बाजारों में भीडभाड़, खरीदारों की कतारें, चकाचौंध होती आँखें,करें पालन निर्देश। सात समंदर पार, रहता है परिवार,…

प्रकाशोत्सव – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

चहुओर दीवाली में छतों और दीवारों पे, करती हैं जगमग, बल्बों की ये लड़ियांँ। कोई उपहार लाते मिठाई मलाई खाते, उमंग व उत्साह में, छोड़ते फुलझडियांँ। कहीं-कहीं रात भर महफिलें…

विघ्नेश बुलाइए – एस.के.पूनम

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 विधा-मनहरण (विघ्नेश बुलाइए) संसार में है अंधेरा, चहुंदिशा में बखेरा, निकले हैं समाधान,दीप को जलाइए। हिया बसे मन मोरा, प्रदर्श दिखे हैं गोरा, अवसर है पावन,प्रीत को…

दिवाली का त्यौहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

उत्साह उमंग संग दूधिया प्रकाश पर्व, साल भर बाद आता दीपावली का त्यौहार। आपस में सब मिल घरों की सफाई करें, अमीरों-गरीबों को भी रहता है इंतजार। घरों को सजाते…