ईश्वर की लीला जान – एस.के.पूनम

खींची रेखा किस्मत की, बर्षों की थी इंतजार, कोसों दूर आन मिली,ईश्वर की लीला जान। माँग है सिंदूरी लाल, बिंदिया है सजी भाल मुस्कान अधरों पर,पतिव्रता अभिमान। करती निर्जला व्रत,…

प्रेरणा गीत: सीखो – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

प्रतिदिन अपनी माँ से सीखो करुणा को बरसाना। प्रेम-भाव से सिक्त हृदय में सौम्य सुमन महकाना।। अनुशासन चींटी बतलाती गुण ऐसा नित भरना। सत्य मार्ग पर चलने में तुम कभी…

हरितालिका तीज – जैनेन्द्र प्रसाद रवि

सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए, दीर्घायु जीवन हेतु, रखतीं हैं उपवास। मन-कर्म वचन से करती हैं उपासना, माँगती दुआएँ वह, रख मन में विश्वास। सालों इंतजार बाद पावन महीना…

गणेश चतुर्थी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

बिगड़ी बनाने हेतु सभी तेरे द्वार आते, श्रद्धा पूर्वक भक्तों के, वंदना में झुके माथ। नारियल फल-फूल मोदक चंदन लिए, लोग तेरे द्वार खड़े, करबद्ध दोनों हाथ। मंदिरों में भीड़…

वंदना में झुके माथ – एस.के.पूनम

पार्वती के प्रिय पुत्र, एकदंत गणपति, आगवन घर-घर,लाए हैं आनंद साथ। मंदिरों के पट खुले, फूल माला खूब चढ़े, कुंज-कुंज शंखनाद,अंधेरे में दिखे नाथ। दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि, मध्य बैठे गजानन, भक्तों…

ओज़ोन दिवस – रणजीत कुशवाहा

आज दिवस है बहुत विशेष। ओज़ोन दिवस पर यह संदेश।। ज्यों बढ़ता कार्बन उत्सर्जन। घटे परत ओज़ोन दिनों -दिन।। वसुंधरा नित रही कराह। निकल रही ओज़ोन की आह।। अगर नहीं…

अभिलाषा – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

महीनों के बाद मिला ये फल मेहनत का, हरा-भरा खेत देख, हँसता किसान है। बाँध और क्यारियों में लबालब पानी भरा, धानी सी चुनर ओढ़े, लह-लह धान है। पसीने की…

श्रम का मोल – संजीव प्रियदर्शी

श्रम तो है अनमोल जगत में महिमा इसकी अतुल-अपार जिसने मूल पहचाना इसका कदमों में पाया निखिल संसार श्रम ईश्वर है श्रम ही पूजा, है यह जीवन का आधार श्रम…

शिल्पजीवी को सत्कार – एस.के.पूनम।

विश्व धरा सृष्टिकर्ता, अद्भुत हैं विश्वकर्मा, दुनिया है अलंकृत,नमस्कार बारम्बार। श्रमसाध्य साधना के, अनन्त बधाइयों में, प्रणम्य प्रणेता को है एकमेव अधिकार। सुंदर द्वारिका बना, लंकेश महल बना, शिल्पकला बेमिसाल,शिल्पजीवी…