माता वीणापाणि- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

छोड़कर घर-द्वार,कर सबसे किनार, पढ़ने आए हम माँ,तप पूर्ण कीजिए। देकर ज्ञान का दान,माँ करो मेरा कल्याण, बन जाऊँ विद्यावान, शरण में लीजिए। जय माँ वरदायिनी, जय ज्ञान प्रकाशिनी, सफल…

पहली बालिका शिक्षा मंदिर दात्री साबित्रीबाई फूले- सुरेश कुमार गौरव

तीन जनवरी अठारह सौ इकतीस को महाराष्ट्र के सतारा में एक विलक्षण गुणी प्रतिभा बालिका का अवतरण हुआ। माता-पिता ने सोच नाम उसका साबित्री भाई फूले रखा जैसे-जैसे बड़ी हुई…

बीत गई बात वो- एस.के.पूनम

विद्या-:- मनहरण घनाक्षरी जीवन का नवरंग,इंद्रधनुष-सा अंग, धरा पर छाया कण, मिल गया जात को। मुस्कुराया अंशुमन,तप गया मेरा मन, मुरझाये पुष्प धरा, तपिश से मात जो। सूरज लोहित मला,प्रकृति…