महादेवी वर्मा: विधा – मनहरण घनाक्षरी- रामकिशोर पाठक

काव्य रची अनमोल, सौम्य सरस-सा बोल, छायावादी रस घोल, नारी वंदनीय है। सप्तपर्णा, दीपशिखा, सांध्यगीत, अग्निरेखा, संकल्पिता स्मृति रेखा, यामा पठनीय है। श्रेष्ठ उपन्यासकार, उपकारी व्यवहार, शिक्षा और सदाचार, सदा…

अमर शहीदों को नमन- सुरेश कुमार गौरव

वीरों की इस भूमि पर, गूँज रही शौर्य हुंकार, शान से बलिदानियों ने, लिखे नये संस्कार। भगत, सुखदेव, राजगुरु, थे अद्भुत रणवीर, फाँसी के फंदे को, हँस पहना जैसे शूर…

शौर्य का जयघोष – अवनीश कुमार

जब भी लगे तुम्हें, विश्वास तुम्हारा डगमगाने लगा है, लेकर आशा की मशाल, दशरथ माँझी-सा आना तुम एक और प्रहार करना तुम, हर दीवार गिराना तुम हर दीवार गिराना तुम।…

चिपको आंदोलन- रामकिशोर पाठक

अंधाधुंध वन कटने लगे, चलने लगी कुल्हाड़ियाँ। होने लगा विनाश वनों का, थी शहर की तैयारियाँ। राजस्थान जहॉं पहले हीं, वृक्ष रक्षा में नारियॉं। तीन सौ तिरसठ जानें दी, अमृता…

कविता की महिमा है न्यारी- अमरनाथ त्रिवेदी

कविता की महिमा है न्यारी, दिल को लगती बड़ी ही प्यारी। जो कोई इसमें खोना चाहे, मिलती खुशियाँ ढेरों सारी। कौन सी है वह बात, जो कविता में आती नहीं। कौन सी…

वे हँसते- हँसते झूल गये- रामकिशोर पाठक

वें हॅंसते-हॅंसते झूल गये, फाँसी को थें चूम गये। उम्र जवानी वाला लेकर, जोश तुफानी भर लाया। धूल चटाने अंग्रेजों को, वीर बाँकुरा चल आया। भारत की बेड़ी को जिसने,…

इस वर्ष का ईद- संजय कुमार

बड़ा सुहाना है, मौसम इस माह का चेहरे के भाव बताते हैं खुशियों की रंग खेलते हिन्दू बरसाते फूल मुस्लिम अता करते नमाजियों पर, बरसाते गुलाब हिन्दू यही तो रूप…

हाँ मैं बिहार हूँ- भवानंद सिंह

देश का गौरव हूॅं मैं मेरा स्वर्णिम इतिहास है, चंद्रगुप्त मौर्य के शासन का चाणक्य की नीति का साक्षात मैं प्रमाण हूॅं, हाॅं मैं बिहार हूॅं। विश्व का प्रथम लोकतंत्र…

बिहार दिवस की पहचान है – सुरेश कुमार गौरव

बिहार दिवस की पहचान है, नव संकल्पों की बात है, शिक्षा, श्रम, सम्मान हमारा, प्रगति पथ की सौगात है। धरती इसकी वीर प्रसूता, गूँजे इसकी जय-जयकार, बुद्ध, महावीर के संदेशों…