मेरी गुड़िया रानी बोल, क्यों की है तुम चप्पल गोल। चप्पल रोज पहनकर आती, गोलाकार में उसे सजाती। गोल चप्पल के अंदर खड़ी है, लगती कोई छोटी परी है। तुम…
Author: Dev Kant Mishra
सर्दी – रामकिशोर पाठक
सर्दी का है मौसम आया घना कोहरा भी है छाया। सुबह-सुबह हीं हम जागें जल्दी से स्कूल हम भागें। ठंढे पानी से नहीं नहाना कर जाते हैं कोई बहाना।…
समय पर खेल समय पर पढ़ाई – अमरनाथ त्रिवेदी
लिए खिलौने हाथ में, खेलने को हम सब बेकरार। पापा निकले घर से, हम सब हुए फरार। देख उनकी त्योरी, रही न बुद्धि माथ। असमय खेलने का यह प्रतिफल मिला,…
नई राह गढ़ें भारत की – सुरेश कुमार गौरव
आओ बच्चों अब चलें स्कूल, नहीं करें अब कोई भी भूल। शिक्षा है सबके लिए जरूरी, अशिक्षा है बिल्कुल गैर जरूरी।। ज्ञान की रोशनी जब फैलती, अंधकार की दुनिया…
मनहरण घनाक्षरी- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
निपुण का भाव भर, पहुँच प्रदान कर, बुनियादी ज्ञान से ही, बच्चों को जगाइए। संख्या की समझ लाएँ, प्रतिपुष्टि गुण पाएँ, लेखन की सौम्यता भी, सतत बढ़ाइए। संक्रिया गणित नित्य,…
मनहरण घनाक्षरी- जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
विद्यार्थी जो जीवन में करते न मेहनत, सदा पग-पग पर, भोगें खामियाजा हैं। दुनिया में कई लोग कर्ज में हैं डूबे हुए, जीने का तरीका देख, लगे महाराज हैं। संतति…
कीर्ति के धनी राजेंद्र बाबू- अमरनाथ त्रिवेदी
सच में इस दुनिया में जिया वही , जिसे जाने के बाद भी लोग याद करते हैं। वरना जीते जी लोग याद नहीं करते, मरने के बाद तो केवल फरियाद…
नन्हे बच्चे – प्रियंका कुमारी
नन्हे बच्चे मन के सच्चे लगते हैं वे कितने अच्छे है तोतली उनकी वाणी सदा ही करते हैं मनमानी। बातें करते हरदम कच्चे नन्हे बच्चे मन के सच्चे लगते…
छुआछूत- नीतू रानी
भारत के ये वीर सपूत, जिसने मिटाया छुआछूत। रामजी मालोजी सकपाल के थे सुपुत्र भीमाबाई के थे चौदहवीं पुत्र। गरीब परिवार में लिए अवतार, व्यक्तियों में बन गए सबसे खास।…
मानव जीवन के निहितार्थ – अमरनाथ त्रिवेदी
माटी का यह बना खिलौना, एक दिन माटी में मिल जाएगा। कोई नहीं होगा हम सबके संग, केवल धर्म-अधर्म साथ जाएगा। कुछ तो अच्छा कर ले प्यारे, जो जीवन भर…