जीना है दुश्वार यहाँ अब, जीना है दुश्वार नाव फँसी है बीच भँवर में, कृष्ण लगा दो पार। मन की चिड़ियाँ ने सोचा था, पंख पसारूँगी। नील गगन जा इंद्रधनुष…
Author: Dev Kant Mishra
श्रीकृष्ण जन्म- गिरीन्द्र मोहन झा
शूरसेन के पुत्र थे महामना वसुदेव, शरीर से थे वे मानव, गुणों से वे देव, उनकी पहली आदरणीया भार्या रोहिणी, थी वह पतिपरायणा, थी धर्मचारिणी, सत्यनिष्ठ, कर्त्तव्यपरायण थे कंस के…
गीता ज्ञान- मधु कुमारी
रणभूमि में धनुष त्याग रथ के पीछे बैठ गए अर्जुन। भगवान बोले नपुंसकता को त्याग युद्ध के लिए खड़ा हो जा अर्जुन। गोविंद से कह युद्ध नहीं करूँगा चुप हो…
हे कृष्ण! आप महान हैं सदा – सुरेश कुमार गौरव
हे कृष्ण! आप महान हैं सदा इस जीव जगत में मानव जीवन लीलाओं को खुद करके दिखाया बचपन से अंतिम वय तक जीवन कर्म सिखाया असत्य पर सत्य की विजयपथ…
जग का पालनहार कन्हैया – दीपा वर्मा
धीरे आते माखनचोर, खाते माखन, मटकी फोड़। खुश हो आती, मैया दौड़, घबराती, बैंया मरोड़। छुप के आँसू भी बहाए, क्यों लल्ला, मेरे हाथों पिटाए। माखन ही तो, खाया है,…
कान्हा का जन्म दिन- गुड़िया कुमारी
जन्म दिन कान्हा का आया, चहुँओर सुमंगल छाया। जिनकी मुरली सुनाए तान, जिनसे मिली गोपियों को पहचान। मोर पंख बढ़ाए शान, जो है इस जगत में महान। यशोदा मैया के…
रूप घनाक्षरी- एस. के. पूनम
अंधेरा था घनघोर, संतरी थे चहुँओर, माया ने बिछाई जाल, दानवों पर प्रहार। वेदना को भूल कर, पलना में झूल कर, पिता संग छुप कर, निकले पालनहार। पूतना को…
हे मुरारी! अब लाज बचाओ- विवेक कुमार
हे मुरारी! अब लाज बचाओ ये कैसी विपदा आन पड़ी, चहुंँओर अंधियारा छाया है, अपने ही बने भक्षकगण से, हे मुरारी! अब लाज बचाओ। सृष्टि की जननी का मान नहीं,…
बच्चे और श्रीकृष्ण – रामकिशोर पाठक
कहते हैं लोग हैं कान्हा नहीं। मैं हूॅं कहता, तूने पहचाना नहीं।। कृष्ण जैसे यशोदा को थें लाडले, तू भी बच्चों को गर वैसा मान ले, देख नटखटपन अगर…
पालक रक्षक प्रभु श्रीकृष्ण- अमरनाथ त्रिवेदी
तुम गीता के उपदेशक जग में, तुम नंद के राज दुलारे हो। तुम द्वारकाधीश बने प्रभु , तुम वसुदेव पुत्र प्यारे हो।। जितने तुम माँ देवकी के प्यारे , यशोदा…