स्वाधीन-शिल्पी

स्वाधीन देश मेरा जागृत है अधिप अंतःकरण सुषुप्त अवस्था में है केवल कई कई बार जन्मा है यह वात्याचक्र के शिविर से निकल कर   जन्मी है इसने कई-कई सभ्यताएं…

तेरा भारत बोल रहा हूं मैं-आदर्श कुमार

(स्वरचित कविता) ।। तेरा भारत बोल रहा हूं मैं ।। एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी की कहानी सुना रहा हूं मैं, तेरा भारत बोल रहा हूं मैं। देश के खातिर जिन्होंने…

श्रृष्टि की श्रृंगार करों-अभिलाषा कुमारी

🙏🙏जय हिन्द🙏🙏 श्रृष्टि की श्रृंगार करों, सस्य श्यामला धरा से प्यार करों। स्वतंत्र तिरंगा ध्वज के तले,जय हिन्द पुकार करों,जय हिन्द पुकार करों।‌ सार्थक हो गणतंत्र का अर्थ,वीर शहीदों की…

वीरों ने ऐसा काम किया -प्रियंका कुमारी

हे शूरवीर संघर्ष अटल, शौर्यगाथा शत बार नमन। चट्टानों से टकराने को, नव स्वतंत्रता लाने को। वीरों ने ऐसा काम किया, संघर्ष सहस्त्र महान किया। चीत्कार पीड़ा से कातर मन,…