चार दिनों का यह अनुष्ठान आस्था का यह व्रत महान। करते इसको विधि विधान होता जिससे जन कल्याण।। प्रत्यक्ष जगत में है भगवान हरपल उर्जा जो करते प्रदान। मिलता…
Author: Dev Kant Mishra
नित दिन प्रातः आता सूरज- संजय कुमार
नित दिन प्रातः आता सूरज नित नया सिखलाता है। नित सवेरे आकर कहता, नया जीवन ही जग पाता है।। कहता है यह नित दिन आकर मृत्यु क्षय नहीं प्रकृति में…
शान निराली छठ व्रत की – अमरनाथ त्रिवेदी
छठ व्रत की शान निराली, महापर्व की शोभा न्यारी। हम बच्चों को खुशी देनेवाली, अनुपम दृश्य लगती बड़ी प्यारी। व्रती वंश की कामना रखती, इस व्रत में यह ध्यान है…
व्रत अनोखा छठी मईया का- भोला प्रसाद शर्मा
छठी मईया का व्रत अनोखा, धूप में तपते श्रद्धालु लोका। सूरज को अर्घ्य देने का ये पर्व, मिटाता दुखों का हर एक खर्व। सूरज की किरणें पावन छवि, आस्था…
व्रत अनोखा छठी मईया का- भोला प्रसाद शर्मा
छठी मईया का व्रत अनोखा, धूप में तपते श्रद्धालु लोका। सूरज को अर्घ्य देने का ये पर्व, मिटाता दुखों का हर एक खर्व। सूरज की किरणें पावन छवि, आस्था…
स्मृति शेष – संजय कुमार
बहुत स्नेह करता था न! तू मुझे, सब कुछ बताता था, कहता था कुछ भी नहीं छुपाता मैं तुझसे मैं विस्मित करता तुझे तू मुझे ज्यादा विस्मित कर देता…
दीपों ने किया उजाला है – रामपाल सिंह ‘अनजान’
गाॅंव छोड़ बाहर देखा धरती अंबर काला है। तब जाना इन दीपों ने, कितना किया उजाला है।। आज कहाॅं बल तम के बाजू में, कुछ भी नहीं निशानी है। हार-जीत…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
पर्व दिवाली ज्योति का, करता तम का अंत। खुशियाँ बाँटें मिल सभी, कहते सब मुनि संत। कहती दीपों की अवलि, दूर करें अँधियार। दुख दीनों का दूर कर, लाएँ नव…
दीप जलाओ रे- प्रियंका कुमारी
दीप जलाओ रे! दीप जलाओ रे! ढोलक बजाओ रे ! गीत कोई गाओ रे ! शुभता, मंगल का, गीत गुनगुनाओ रे ! दीप जलाओ रे ! दीप जलाओ रे…
जरा रौशनी फैला दें- अमरनाथ त्रिवेदी
जीवन मिला हमें जब , जरा रौशनी फैला दें । दूसरों के दर्द को भी , अपने दर्द में मिला लें।। दीपों की रौशनी में, हम अपना दुःख भुला दें।…