ज़िंदगी की परिभाषा कभी धूप तो कभी छांव है ज़िंदगी। कभी शहर तो कभी गाँव है ज़िंदगी। कभी खुशियाँ तो कभी गम है ज़िंदगी। कभी सुंदर सा सरगम है…
Author: Nutan Kumari
मुस्कान-नूतन कुमारी
मुस्कान मुस्कान है इक ऐसा अलंकार, जो लाये जीवन में बसंत बहार, सजें सदा जिन होठों पर यह, हो जाएं पूर्ण सारे श्रृंगार। उदासी मंजर में दे जाए सुकून,…
मंजिल तो पाना होगा-नूतन कुमारी
मंजिल तो पाना होगा कंकड़ पत्थर हो राहों में, पैदल चलना आसान नहीं, संघर्ष भरे हो जीवन में, जीना इसको है सरल नहीं, हर मुश्किल बाधाओं से, हर हाल में…
योग से जीवन सुंदर बनाएं-नूतन कुमारी
योग से जीवन सुंदर बनाएं नित्य करें सब मिलकर योग तन से भगाएँ सारे रोग। स्फूर्ति आ जाती है तन में, दूर होती व्याधि इक क्षण में। योग है…
बचपन की यादें-नूतन कुमारी
बचपन की यादें प्रदान करें फ़कत प्रेम सा शीतल, खूबसूरत बचपन की यादें हर पल, दहलीज़ असीमित हुआ करती थी, मन यूँ बावरा हो जैसे नाचे महीतल। भविष्य की…
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं-नूतन कुमारी
कौन कहते कि बच्चे पढते नहीं बुद्धिजीवी होना कुछेक की मुद्दत होती है, अनुकरण करना बच्चों की फितरत होती है, शिद्दत से हम उन्हें समझाते नहीं, कौन कहते हैं बच्चे…