बच्चों मन से करो पढ़ाई- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

बच्चों मन से करो पढ़ाई “”””””””””‘””””””””””””””””””””””””””””””””” बच्चों मन से करो पढ़ाई। तुमको दूँगी दूध मलाई।। नहीं किसी से करो लड़ाई।। होगी इससे तभी भलाई।। नित्य सबेरे तुम जग जाओ। आशीष…

मेरे डॉक्टर – रुचिका

मेरे डॉक्टर जो जानता रहा मेरी हर पीड़ा, जिससे कहा मैंने अपनी सारी तकलीफ बिना किसी दुराव और छिपाव के और जिसने हर दुख के निराकरण के लिए किए न…

चिकित्सक का कार्य – गीतिका – राम किशोर पाठक

चिकित्सक का कार्य – गीतिका वैद्य, चिकित्सक, हकीम सारे। सबका जीवन सदा सँवारे।। रक्त, लहू, शोणित, लोहित जो। रुधिर, खून की दोष निहारे।। अस्थि, हाड़, हड्डी सब देखें। चर्म, खाल…

अपनी माटी से जुड़े – दोहावली – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

अपनी माटी से जुड़ें “””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” अपनी माटी से जुड़ें, करें सदा गुणगान। बनी इसी से देह है, यही ईश वरदान।।०१ माटी में हैं गुण बहुत, यही जीवनाधार। रंग बनावट जानिए,…

समय सुहाने बचपन के – अमरनाथ त्रिवेदी

समय सुहाने बचपन के खेल- खेल में पढ़ते जाएँ। जीवन को अनमोल बनाएँ।। हम नए-नए खेलों को खेलें। नई-नई खुशियाँ भी ले लें ।। हम बच्चे देश के कर्णधार कहलाते।…