मौसम गर्मी वाला आया-चौपाई छंद – राम किशोर पाठक

मौसम गर्मी वाला आया- चौपाई छंद – बाल कविता बिटिया रानी सुनो कहानी। दुनिया करती है नादानी।। कभी न करना तुम मनमानी। जिससे बढ़े कुछ परेशानी।। मौसम गर्मी वाला आया।…

उमड़- घुमड़ कर बरसो बादल – अमरनाथ त्रिवेदी

उमड़- घुमड़ कर बरसो बादल केवल बादल नहीं बरसात भी हो , प्रचंड  गर्मी   पर  आघात  भी हो । कुछ  हवा  चले   खूब  पानी   हो , इसमें हम बच्चों की…

गर्मी छुट्टी मना रही हूॅं – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान ‘

गर्मी छुट्टी मना रही हूॅं। इतनी है आसान पढ़ाई, कर लो माते बड़ी भलाई, संग ककहरा आकर सीखो, सीखी नहीं त बोलो न। बचे समय मुख खोलो न।। जब बैठी…

गौ माता को हम-सब जानें – राम किशोर पाठक

गौ माता को हम-सब जानें – बाल कविता दुग्ध, क्षीर, पय, गोरस लाना। स्तन्य, पीयूष, दोहज जाना।। सुधा, सोम हीं सुर को भाए। देवाहार यही कहलाए।। जीवनोदक, अमृत भी कहते।…

पिता व्योम के तुल्य हैं – विधा दोहा – देवकांत मिश्र ‘दिव्य’

विधा – दोहा पिता व्योम के तुल्य हैं “”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” पिता व्योम के तुल्य हैं, पिता सृष्टि विस्तार। जीवन दाता हैं पिता, विटप छाँव भंडार।। नयन सितारे हैं पिता, श्रेष्ठ सुघड़…

पिता – गिरींद्र मोहन झा

पिता परमपिता परमेश्वर हैं, हम सब उनकी संतान, उन्हीं की अनुकम्पा से, हम सब सदा क्रियमाण । सबसे पहले परमपिता परमात्मा को प्रणाम, उन्हें वन्दन, उनका स्तवन, पुण्यप्रद उनके नाम।।…