नमन दधीचि – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

नमन दधीचि! बरगद का पेड़! वर्षोँ से खड़ा , वसन्तों पतझडों का साक्षी, धरती से करता प्यार, धूप से बचाता, देता शीतल छाया । बरगद घर की बरामदे से, निहारता…

इंसानियत के मसीहा संत कबीर – अमरनाथ त्रिवेदी

इंसानियत के मसीहा संत कबीर एक ऐसे संत कबीर हुए, जो जमकर कुरीतियों पर वार किया । हिंदू मुस्लिम की दकियानूसी बातों पर , समग्र प्रचंड प्रहार किया । थे…

पड़ती गर्मी प्रचंड है – लावणी छंद गीत – राम किशोर पाठक

पड़ती गर्मी प्रचंड है – लावणी छंद गीत ताल, तलैया, सरवर सूखा, भू दिखता खंड-खंड है। प्यासा पंछी खोज रहा जल, गर्मी बड़ा प्रचंड है।। झुलस गया है बाग, बगीचा,…

नन्हा पौधा – बिंदु अग्रवाल

नन्हा पौधा दादा जी ने बीज लगाया, दादी ने पानी डलवाया। चुन्नू-मुन्नू दौड़े आएँ, साथ में खाद भी लेकर आएँ।। सात दिनों के बाद बीज ने, नहीं-नन्हीं पलकें खोली। बड़ी…

भूजल का दोहन करें नहीं- लावणी छंद गीत – राम किशोर पाठक

भूजल का दोहन करें नहीं- लावणी छंद गीत भूजल का दोहन करें नहीं, संग्रह बहुत जरूरी है। बसा भूगर्भ में मधुरिम यह, बनी आज मजबूरी है।। मान लिया सच भूमंडल…

भूगर्भ जल – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान ‘

भूगर्भ जल- उज्जवला छंद ज्ञान बहुत तेरे पास है। मुझसे फिर रखते आस है।। तो आओ मेरे साथ में। हाथों को डालो हाथ में।।। गहराई को जो नापते। सागर के…

भूगर्भ जल की महत्ता – अमरनाथ त्रिवेदी

भूगर्भ जल की महत्ता आओ बच्चों  भूगर्भ जल की विशेषता      को   हम   जानें । जीवों के लिए  यह अत्यंत जरूरी , थोड़ा इस संदर्भ  को  भी  पहचानें । महती बालू…

नीर भूगर्भ का जानिए- राम किशोर पाठक

नीर भूगर्भ का जानिए- उज्ज्वला छंद बातें कुछ करने आइए। अपनी सोच तो बताइए।। मीठे जल को पी पाइए। खत्म होने से बचाइए।। जीवन अपना हलकान है। सारे लोग परेशान…

गर्मी की छुट्टी है आई- राम किशोर पाठक

गर्मी की छुट्टी है आई गर्मी की छुट्टी है आई। नानी मुझको अभी बुलाई।। मामा जी की होगी शादी। बात सही कहती है दादी।। नयी-नयी कपड़ों को लेना। जिसे पहनकर…