कुण्डलिया

कुण्डलिया अनुकंपा के नाम पर, अब मिलता है काम वरना जेबें ढीली कर,सहज निकालो दाम। सहज निकालो दाम,न रखो किसी में आस्था मेधा कुछ नहीं करे,बनी है यही व्यवस्था। कह’…

सीढ़ी

सीढ़ी घर के कोने में सुबकती सीढ़ी जिसे हम अक्सरहां भूल जाते हैं बना डालते हैं उसे एक स्टोर रूम… जहाँ महीनों का पड़ा समाचार पत्र जम्हाइयां लेता रहता है…

लिखना पहला प्रेम साबित हुआ।।

लिखना पहला प्रेम साबित हुआ।। लिखना सबसे बड़ा गुनाह था हम गुनहगार हुए जन्म के साथ ही झाड़ू कटका में हम निपुण हुए सुबह की चाय पिता के बिस्तर छोड़ते…

मैं शिक्षक हूँ

मैं शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ नित नये भारत का निर्माण करता हूँ। सुबह से शाम तक बच्चों के जीवन की बात सोंचता हूँ। मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा…

योग-अर्चना गुप्ता

योग आओ तन-मन को निरोग करें सब मिलकर चलो योग करें जप, तप और योग-ध्यान हर लेती हर विपदा-बाधाएँ आत्मविश्वास, यादाश्त बढ़ाकर नित अमृत बूँद बरसाती जाए स्नेहसिक्त हो आत्मिक…