प्रकाशपुंज प्रकाशपुंज हूँ,विश्व को प्रकाशमय करता हूँ। संसार से अशिक्षा को दूर भगाता हूँ। समाज से सामाजिक बुराइयों को भगाता हूँ। जन-जन में शिक्षा का अलख जगाता हूँ। जीवन के…
Author: Shivendra Suman
कुण्डलिया
कुण्डलिया अनुकंपा के नाम पर, अब मिलता है काम वरना जेबें ढीली कर,सहज निकालो दाम। सहज निकालो दाम,न रखो किसी में आस्था मेधा कुछ नहीं करे,बनी है यही व्यवस्था। कह’…
गाय एक चौपाया जानवर है
गाय एक चौपाया जानवर है एक स्त्री कभी बीमार नहीं पड़ती जैसे कि वह एक स्तनधारी गाय हो जिसे दूहा जाता है, तब तक जब तक कि उसकी धमनियों में…
सीढ़ी
सीढ़ी घर के कोने में सुबकती सीढ़ी जिसे हम अक्सरहां भूल जाते हैं बना डालते हैं उसे एक स्टोर रूम… जहाँ महीनों का पड़ा समाचार पत्र जम्हाइयां लेता रहता है…
नवयुग का निर्माण करो
नवयुग का निर्माण करो सुख शांति हो विश्व में, ऐसे कार्य महान करो उठो देश के नौनिहालों, नवयुग का निर्माण करो । जाति धर्म वर्ण भेद में, देश ये खंडित…
लिखना पहला प्रेम साबित हुआ।।
लिखना पहला प्रेम साबित हुआ।। लिखना सबसे बड़ा गुनाह था हम गुनहगार हुए जन्म के साथ ही झाड़ू कटका में हम निपुण हुए सुबह की चाय पिता के बिस्तर छोड़ते…
मैं शिक्षक हूँ
मैं शिक्षक हूँ मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा दान करता हूँ नित नये भारत का निर्माण करता हूँ। सुबह से शाम तक बच्चों के जीवन की बात सोंचता हूँ। मैं शिक्षक हूँ,शिक्षा…
स्वर्ग से सुन्दर देश हमारा
स्वर्ग से सुन्दर देश हमारा स्वर्ग से सुन्दर देश हमारा, जो हमें सबसे प्यारा है। जिसकी गोद में हम खेले, वह भारत देश हमारा है। स्वर्ग से सुन्दर देश——– जो…
हिंद देश है सबसे प्यारा
हिंद देश है सबसे प्यारा हिंद देश से लगन लगाओ, यह तो सबसे प्यारा है धर्म मार्ग पर कदम बढ़ाओ, उच्च विचार हमारा है। इस वसुधा पर सदा देवगण, आने…
विलोम शब्द का ज्ञान-विजय सिंह नीलकण्ठ
विलोम शब्द का ज्ञान एक अच्छा व एक बुरा दो बंदर है छत पर खड़ा एक छोटा तो एक बड़ा हाथ में ले रखा है घड़ा। चींटी चलती आगे-पीछे अंबर…