गिरकर उठना सीख ले मुसीबतों की दौड़ में, तू मुस्कुराना सीख ले। बेशक मिले ठोकरे तुझे, गिरकर उठना सीख ले। गिरकर उठना सीख ले।। मार्ग तेरे हैं कठिन, जीत पर…
Author: Vijay Bahadur Singh
तितली उड़ी-ब्यूटी कुमारी
तितली उड़ी तितली उड़ी बनके परी बच्चों की टोली पीछे पड़ी। रंग बिरंगी पंखों वाली तितली है बड़ी मतवाली। फूलों पर मंडराती है मीठा-मीठा रस पीकर उड़ जाती है। गुनगुन…
पानी से जिंदगानी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
पानी से जिंदगानी वर्षा से जीवन मिलता है, खेतों को हरियाली, हरे भरे पेड़ों की प्रकृति करती रखवाली। पानी की बुंदे है बहुत किमती, यही सच्चा सोना, इसी से आबाद…
परम सत्ता पर विश्वास हो-दिलीप कुमार गुप्त
ko परम सत्ता पर विश्वास हो चिंता की परिधि से हो पृथक सदचिंतन का विस्तार हो मलिन कराल ताप तिमिर से धवल शशि का दीदार हो। लौकिकता के अंतहीन क्षितिज…
अटल बिहारी वाजपेयी-अश्मजा प्रियदर्शिनी
अटल बिहारी वाजपेयी अखण्ड भारत का अलख जगाए सुस्मित हर्षित होते रहे। काँटों भरी सत्ता के गठबन्धन में सुवासित बढते रहे। ‘सत्ता के निर्लोभी’ शब्दों की राजनीति में भी निखरते…
भोली भाली गाय-ब्यूटी कुमारी
भोली भाली गाय भोली भाली गाय हमारी रंग बिरंगी गाय हमारी गोली काली उजली चितकबरी कितनी प्यारी गाय हमारी। रुखा सूखा भूसा चोकर जो भी मिलता हरी हरी घास खाती…
माँ मुझे भी-सुनिल कुमार
माँ मुझे भी माँ मुझे भी नेता बनना है नेता बनकर पावर लेकर गरीबी को दूर करना है। माँ मुझे भी.. खूब पढूंगा मेहनत करके फिर आगे मुझको बढ़ना है…
हिन्दी और आप-राजेश कुमार सिंह
हिन्दी और आप आप बिल्कुल हिन्दी की तरह हो; आपको समझना आसान नहीं है। भाषा की समरसता हिन्दी, भावों की सरसता आप; यह जोड़ी सही है।। राजभाषा कहलाती है; साहित्य…
हिंदी-ज्योति कुमारी
हिंदी मैं और मेरी हिंदी दर्द को कहाँ बिन हिंदी कह सकूँगी !! इसकी न हुई तो तूम्हारी क्या हो सकूँगी ! हिन्दी जैसे अधिकार है मेरा, मेरे हृदय में…
हिंदी दिवस मना रहे हैं हमसब फिर आज-स्मिता ठाकुर
हिंदी दिवस मना रहे हैं हम सब फिर आज बिना दिवस के बन गयी “अंग्रेजी” सरताज अंग्रेजी सरताज, उन्नति बहुत जरूरी हम सब भी रक्खे गुपचुप हिंदी से दूरी बच्चो…