मित्र मँझधार में जब पड़ा हो जीवन दे पग-पग साथ रख निर्मल मन संबंध भले ही कोई ना उनसे पर बाँध रखे स्नेहिल सा बंधन हो यही एक मित्र समर्पण…
Author: Vijay Bahadur Singh
सच्चा मित्र-प्रीति कुमारी
सच्चा मित्र मित्र वो जो सही राह दिखाए, वो नहीं जो बुरे काम कराये । विपदा में भी साथ खड़ा हो, दुश्मन के सामने अड़ा हो। पिता की तरह सीख…
मित्रता-दिलीप कुमार गुप्ता
मित्रता मित्र संग बंधी जीवन की डोर विश्वास भरा इक स्वर्णिम भोर धूप छांव मे हाथ बंटाये सखा सखा के काम जो आए इससे जीवन मे जागृत स्फूरणा मिटे क्लेश…
मित्र ऐसा हो-प्रभात रमण
मित्र ऐसा हो जीवन में एक मित्र कृष्ण जैसा चाहिए जो संग हो तो जीत निश्चित हो । और मित्र एक कर्ण भी तो चाहिए जो सदा साथ दे जब…
गांधारी का विलाप-दिलीप कुमार चौधरी
गांधारी का विलाप महाभारत का हुआ था अंत ; मचा था हाहाकार दिग्दिगंत । रण-भूमि में बिखरी थीं लाशें ; देखकर थम जाती थीं सांसे । कहीं पड़े थे…
चलो चलें स्कूल की ओर-विजय सिंह “नीलकण्ठ”
चलो चलें स्कूल की ओर जागो बच्चो हो गई भोर चिड़ियाँ मचा रही है शोर जल्दी-जल्दी तैयार होकर चलो चलें स्कूल की ओर। बैग में सभी किताबें रख लो साथ…
आओ प्रकृति बचाएँ-विनय कुमार
आओ प्रकृति बचायें प्रकृति ने ही तो हमें संवारा है पर हमने क्यूँ इसे बिगाड़ा है? इसकी हर रचना हमें भाती है यही तो हमारी सच्ची थाती है। संकल्प…
पंछी-लवली वर्मा
पंछी पंछी होते अत्यंत सुंदर, रंग-बिरंगे और मनमोहक। सम्मोहित करते सदैव हमें, इनके सारे संदर्भ रोचक।। रंग-बिरंगे इनके पंख, कर देते हैं सबको दंग। ये होते हैं बहुत निराले,…
एक कुत्ते की आत्मकथा-लवली कुमारी
एक कुत्ते की आत्मकथा सुनो दोस्तों मेरी कहानी है अनमोल मेरी जुबानी छोटा सा प्यारा बच्चा था मैं चक्रवर्ती परिवार में जब आया था मैं बड़े लाड प्यार से पाला…
निर्मल रचनाकार-प्रीति कुमारी
निर्मल रचनाकार हिन्दी साहित्य के वे निर्मल रचनाकार, जिन्होंने दिया ज्ञान को है ऐसा आकार जिनकी रचना का है ऐसा आधार जिससे मिट जाए जीवन का अन्धकार जो लिखते हैं…