महारथी कर्ण का वध-दिलीप कुमार चौधरी

महारथी कर्ण का वध कहते थे लोग जिसे सूत-पुत्र था वह कुन्ती का प्रथम सुपुत्र। पाण्डवों का था भ्राता ज्येष्ठ दानवीर और धनुर्धर श्रेष्ठ। अपने होठों में दबाकर यह राज़…

अनमोल व अदृश्य मित्र-विजय सिंह नीलकण्ठ

अनमोल व अदृश्य मित्र   निराशा से मन भरा हुआ था आशा कहीं न दिखती थी सामने होते स्वादिष्ट व्यंजन पर न कोई जॅंचती थी। कारण था मुॅंह की बीमारी…

गुरु-मनोज कुमार मिश्र

गुरु गुरु तुम्हारे नाम की, महिमा क्या समझाय। समझने की समझ भी, गुरु तुम्हीं से आय।। गुरु बिन ज्ञान मिले नहीं, प्रकट न होवे भाव। गुरु ही अक्षर ज्ञान दे,…

जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई-मंजू रावत

जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई, स्वतंत्र रूप से उड़ने वाले, चारों ओर घूमने वाले, घरों में कैद होकर रह गए, जिंदगी अब ऑनलाइन…

गाएँगे तेरा गुणगान-विजय सिंह नीलकण्ठ

गाएँगे तेरा गुणगान सुबह-सुबह जब सबसे पहले उठती है प्यारी चिड़िया उठकर कहती जागो बच्चो है जाग चुकी सारी दुनिया। नित्यक्रिया से निवृत्त होकर कर लो थोड़ा सा जलपान यदि…

अनुभव-संगीता कुमारी सिंह

अनुभव जिंदगी दे जाती हमें नित नये अनुभव। कुछ तीखे, कुछ मीठे, कुछ कड़वे हैं ये अनुभव। कभी हैरान, कभी परेशान, कभी विस्मित कर जाते!! कभी गुदगुदाते, तो कभी रुलाते…