महारथी कर्ण का वध कहते थे लोग जिसे सूत-पुत्र था वह कुन्ती का प्रथम सुपुत्र। पाण्डवों का था भ्राता ज्येष्ठ दानवीर और धनुर्धर श्रेष्ठ। अपने होठों में दबाकर यह राज़…
Author: Vijay Bahadur Singh
Plant trees-Manju Raut
Plant trees Plant trees, plant trees if you want oxygen free. Plant trees, plant trees, if you want your environment pollution free. Trees give us shelter, trees give us protection.…
अनमोल व अदृश्य मित्र-विजय सिंह नीलकण्ठ
अनमोल व अदृश्य मित्र निराशा से मन भरा हुआ था आशा कहीं न दिखती थी सामने होते स्वादिष्ट व्यंजन पर न कोई जॅंचती थी। कारण था मुॅंह की बीमारी…
नशा का हो नाश-विवेक कुमार
नशा का हो नाश आज का दौड़ निराला सबको कर रहा मतवाला मन को कर रहा है काला युवाओं का निकाल रहा दिवाला ले रहा गिरफ्त में दे रहा हवाला…
पाठशाला से रिश्ता-एस. के. पूनम
पाठशाला से रिश्ता वह खड़ा है पाठशाला के द्वार पर, पार किया है उम्र का छठा सावन, बाल-सुलभ मुस्कान है अधरों पर, सजल नयनों में है आशा का दीप। अंग-सौष्ठव…
गुरु-मनोज कुमार मिश्र
गुरु गुरु तुम्हारे नाम की, महिमा क्या समझाय। समझने की समझ भी, गुरु तुम्हीं से आय।। गुरु बिन ज्ञान मिले नहीं, प्रकट न होवे भाव। गुरु ही अक्षर ज्ञान दे,…
जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई-मंजू रावत
जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई जिंदगी अब ऑनलाइन बनकर रह गई, स्वतंत्र रूप से उड़ने वाले, चारों ओर घूमने वाले, घरों में कैद होकर रह गए, जिंदगी अब ऑनलाइन…
गाएँगे तेरा गुणगान-विजय सिंह नीलकण्ठ
गाएँगे तेरा गुणगान सुबह-सुबह जब सबसे पहले उठती है प्यारी चिड़िया उठकर कहती जागो बच्चो है जाग चुकी सारी दुनिया। नित्यक्रिया से निवृत्त होकर कर लो थोड़ा सा जलपान यदि…
संचार के बदलते साधन-धीरज कुमार
संचार के बदलते साधन एक समय ऐसा भी था। जब संदेश वाहक होते थे कबूतर प्यारे। पैरों में संदेश बंधा हुआ पहुंचाते थे हमारे।। समय बदला खुल गए डाकघर। पत्र…
अनुभव-संगीता कुमारी सिंह
अनुभव जिंदगी दे जाती हमें नित नये अनुभव। कुछ तीखे, कुछ मीठे, कुछ कड़वे हैं ये अनुभव। कभी हैरान, कभी परेशान, कभी विस्मित कर जाते!! कभी गुदगुदाते, तो कभी रुलाते…