मोबाईल की दुनियां कल तक अपनी कलम से, लिखावट की बाते थीं! डाक से अपनों को पत्रादि, भेजने की आदतें थीं!! अब जब इस मोबाइल तीव्रतम का, आया जमाना! नई…
Author: Vijay Bahadur Singh
कागज़ की आत्मकथा-एस. के. पूनम
कागज़ की आत्मकथा मेरा जन्मभूमि चीन कहलाता है, मुझे माह, तारीख तो याद नहीं है, पर हाँ! वर्ष 201 ई.पू. अंकित है, त्साई-लुन मेरे जनक कहलाते हैं। मैं वृक्षों के…
गाँव-मुकेश कुमार
गाँव गाॅंव की पगडंडियों में एक अलग बात है, यहाँ हमेशा हरियाली ही साथ है, एक बार गाँव आकर घूम लीजिये, यहाँ प्यार, स्नेह, सम्मान की बरसात है। यहाँ आपको…
कोरोना-स्मृति कुमारी
कोरोना कोरोना ने कहर बरपाया है, चारो ओर अंधेरा छाया है। गॉंव मुहल्ला देश विदेश इसने जाल बिछाया है।। कोरोना ने कहर बरपाया है चारो तरफ अंधेरा छाया है। कैसी…
School on mobile से फर्क पड़ता है-धीरज कुमार
School on mobile से फर्क पड़ता है जरा सोचिए जब कुछ अच्छा हम करते है तो उसका जीवन पर फर्क पड़ता है। टीचर्स ऑफ बिहार की हर नई पहल का…
सोचो कैसे बच पाओगे-विजय सिंह नीलकण्ठ
सोचो कैसे बच पाओगे हर ओर गंदगी फैली है पर्यावरण हो गई मैली है क्या करेगा पौधा बेचारा गंदगी देख थककर हारा। न जल की निकासी दिखे कहीं घर के…
दोस्त-मुकेश कुमार
दोस्त मेरी है हमेशा यह आरजू, मेरा दोस्त हमेशा खुश रहे, कभी आये न संकट के बादल, किस्मत इतना बुलंद रहे, हमारी दोस्ती दुनियाँ में एक मिशाल बनी रहे, आपस…
Mother-Rohit kumar
Mother Why are you there? I’m here. You are my world, you are my heaven. Embodiment of love, Flows some love. Ma… I’m alone. Finding no one besides me. Father in…
पालनहारा-संगीता कुमारी सिंह
पालनहारा धरती मॉ का हरियाला आंचल है वृक्ष, प्रकृति का श्रृंगार प्राणी का पालनहारा है वृक्ष। सांंसो के चक्र में, निर्मल प्राणवायु का, प्रदाता है वृक्ष। सुंदर पुष्प प्रसून, खिलती…
हम ऐसे क्यों हैं-विवेक कुमार
हम ऐसे क्यूं हैं हर बार मैं यह सोचता हमें सब समझ है आता फिर भूल क्यों हो जाता ये बात समझ न पाता हम ऐसे क्यों हैं हम ऐसे…