मानव धर्म-भवानंद सिंह

मानव धर्म आओ मिलकर हाथ बटाएँ न हो मानवता शर्मसार कहीं, हमसब मिलकर इसे बचाएँ दीन दुखियों का साथ निभाएँ। आज आई है विपदा भारी मानवता का लेने परीक्षा, मानव…

निश्छल बंधन-नितेश आनन्द

निश्छल बंधन अतुलनीय है प्रकृति जिसकी, मिली है उसकी छांव हमें, बिन बंधनों के साथ चला मैं, मिल जाए कहीं वरदान हमें। स्वभाव सरल तो है हीं तेरा, हृदय भी…

नन्ही चिड़िया-अमृता सिंह

नन्ही चिड़िया उठ चिड़िया अब आंखे खोल तुझे अम्बर छूने जाना है, अपने नन्हे-नन्हे कदमों पर अपना भार उठाना है। हरे-भरे खेतों से तुझको दाना पाने जाना है, सुदूर झरने…

माहवारी खुलकर बोलने की बारी

🙏🙏माहवारी खुलकर बोलने की बारी🙏🙏 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 विधाता की अद्भुत कलाकारी नर संग पालनहार नारी सृष्टि सृजन की जिम्मेवारी इन्हीं पर वारी दिया समानता का अधिकार नारी को पृथ्वी का बनाया…

Din bada bhari

दिन बड़ा भारी   दस वर्ष के बाद ही आए माहवारी लड़कियों के वास्ते ये दिन बड़ा भारी   न जा पूजाघर में  बेटी न रसोईघर नियम अनोखे बना दिये…