पिता-अशोक कुमार

पिता पिता शौर्य का प्रतीक, हमें पथ प्रदर्शक बनाया। निरंतर पग पग पथो पर, संभल संभल कर चलना सिखाया।। उन्हीं से सुख शांति है, मां का सिंदूर है। उनके जगह…

बच्चों खेलो गिनती का खेला-सन्नी कुमार

बच्चों खेलो गिनती का खेला बोलो बच्चों एक–दो–तीन, खरीद कर लाओ तुम आम तीन। खेलो बच्चों चार-पांच–छह, सीढ़ी चढ़ो तुम गिन कर छह। सात–आठ–नौ का बड़ा है खेला, बोलकर सीखो…

ममता के आंचल में शिक्षा-नितेश आनन्द

ममता के आंचल में शिक्षा जन्मदात्री तो नहीं तुम, लेकिन मां का प्यार दिया है तूने। नन्ही कदमों से जरूर था आया, चल के दौड़ना सिखाया तूने। जब कभी बाधाएं…

आओ सब मिल वृक्ष लगाएं-संजीव प्रियदर्शी

आओ सब मिल वृक्ष लगाएं आओ सब मिल वृक्ष लगाएं पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं धरा पर थोड़ा वृक्ष बचे हैं शेष स्वार्थ की बलि चढ़े हैं जिधर देखो धुआं-धुआं है…

विद्यालय का आँगन-अंजलि कुमारी

विद्यालय का आँगन पुनः गूंजेंगे गीत खुशी से, चेतना सत्र के प्रांगण में। पुनः खेलेंगे छात्र-छात्राएं, विद्यालय के आंगन में।। महामारी में कैद हो गया, बचपन चारदीवारी में। शिक्षक माली…