किसान धरा के कठोर तल को चीर जो हरियाली लाये, अपनी मेहनत से अनाज उगाता है वो किसान। खुद भूखा रह खेतों में जो काम करे दिन रात, पशु पक्षियों…
Author: Vijay Bahadur Singh
भूकंप-लवली कुमारी
भूकंप तेज आंधी और सुनामी हुद हुद जैसे तूफान भूकंप आई है लेकर अपने साथ कितने सामान। जहां बिखर कर रह गए हैं सबके अरमान कैसा तू लाया है अपने…
मानव-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मानव यह मानव जीवन पाकर भी नहीं किया कोई परोपकार है। मोह, माया में लिपटा रहा, यह मानव तन बेकार है।। सुन्दर तन अभिमान में फूला रहा दिन रात। किसी…
लॉकडाउन का सबक-विवेक कुमार
लॉकडाउन का सबक ईश्वर की सुंदर रचना हूं कहते सब मानव मुझे आया हूं इस कर्मधाम में, बना पात्र इस रंगमंच का, मोहमाया के कुचक्र में फंसकर, लगा निभाने अपना…
विद्यालय बस एक भवन रह गया-अमृता सिंह
विद्यालय बस एक भवन रह गया सुने विद्यालय की आंगन में निगाहें ढूंढती रहीं फ़टे कागज के टुकड़े वो उड़ते जहाज, वो कॉपी के पन्ने वो कागज की नाव, मेरे…
पुस्तक जीवन का श्रृंगार-दिलीप कुमार गुप्त
पुस्तक जीवन का श्रृंगार तू सुरवन्दिता का भौतिक रूप तेरी महिमा अद्भूत अनूप तुममें सभ्यता संस्कृति समाया तुझसे अतीत का दर्शन आया तू साक्षी है वैदिक…
कक्षा का अमृत रस-गौतम भारती
कक्षा का अमृत रस कक्षा तो कक्षा है, इसमें उपस्थित रहा करो 2 हो रहे वितरण ज्ञान का, बस अमृत रस पीया करो। बस अमृत रस पीया करो।। चुकुर-भुकुर सौगात…
धुंध के बीच-गिरिधर कुमार
धुंध के बीच स्याह सा कुछ तैरता हवाओं में कवि की मुस्कराहट से बौखला जाता है अरे मैं कोरोना हूं तुम बड़े ढीठ इंसान हो डरते नहीं मुझसे। धत्त! ये…
शायद इसने कुछ तो अच्छा पाठ पढ़ाया-चॉंदनी झा
शायद इसने कुछ तो अच्छा पाठ पढ़ाया कोरोना सी भयंकर बीमारी आई पड़ोसी चीन से, फैली सारी दुनिया में, भारत में भी आई श्रीलंका, बंगलादेश और मालद्वीप से।। आपदा ऐसी…
नित दो पेड़ लगाएं-विजय कुमार पासवान
नित दो पेड़ लगाएं जल बिना, जीवन धारा होगा, सोचा है? पीने का पानी नहीं बचा है सोचा है? सजीवों का जीवन नहीं बचेगा सोचा है। जीव जंतु नर नारी…