नन्हीं गौरैया भूरे रंग की कुछ गौरैया हमारे घर में रहती है, सुबह-सवेरे उठकर वो चीं-चीं चूँ-चूँ करती है। उसकी मधुर आवाज सुन बिस्तर छोड़ उठ जाता हूँ, फुदक रही…
Author: Vijay Bahadur Singh
तिरंगा-मनु कुमारी
तिरंगा तीन रंगों का अपना झंडा नाम है इसका प्यारा “तिरंगा” तीन रंगों का है गुण विशेष इन गुणों को धरें हम रखें न द्वेष। केशरिया बल भरने वाला, दुश्मनों…
खुशी-सुरेश कुमार गौरव
खुशी खुशी, आज-कल कहां टिकी रहती हो? इस भाग-दौर में ज्यादा नहीं मिलती हो!! लगता है अब भाव भी अधिक खाती हो! न जाने आकर फिर कहां चली जाती हो!!…
नन्हीं दुनिया-मधु कुमारी
नन्हीं दुनिया तिनका तिनका जोड़ा किया घोंसला तैयार देख अपनी छोटी सी दुनिया हुआ घोंसले से प्यार। घोंसले में था जब अंडा सुसुप्त अवस्था में पड़ा हुआ तब सोचा करता…
मेरे गांव का मेला-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
मेरे गांव का मेला बहुत खूबसूरत होता था मेरे गांव का वह मेला जहां पर लगा रहता था हरदम लोगों का रेला। लोगों में भी होती थी मेले को लेकर…
नारी-ब्रह्मकुमारी मधुमिता सृष्टि
नारी शिव शक्ति का रूप है नारी सहनशक्ति की परिभाषा है नारी प्रेम की मूरत है नारी। घर को स्वर्ग बनाती रिश्तों में मिठास लाती खुशियों से घर महकाती दुःख…
स का दंभ-विवेक कुमार
स का दंभ एक संकट है आया भैया, देता एक संकेत……… इसकी संगति संपर्क स्पर्श, कर रहा संहार सर्वनाश, संक्रमित कर रहा जन को, सूचक संग संयोग संभावना संताप की,…
औरों में अच्छाई देखें-लवली वर्मा
औरों में अच्छाई देखें औरो में अच्छाई देखें, छिपी न कोई बुराई देखें। देखो औरों की अच्छाई, कैसा भी हो उनका अतीत। ढूंढोगे अगर उनमें बुराई, न होगा कोई तुम…
वसुन्धरा-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
वसुन्धरा आओ देश वासियों तुझे पुकारती वसुन्धरा। बिना बोले अपनी भाषा में देती संदेश दर्दभरा।। पेड़-पौधे कट रहे, पृथ्वी हो रही विरान है। स्वच्छ हवा, निर्मल पानी में बसते सबके…
हम धरती की संतान हैं-कुमकुम कुमारी
हम धरती की संतान हैं सृष्टि के कण-कण में देखो, बसते यहाँ भगवान हैं। धरती हमारी माता है, हम इसकी संतान हैं। कितनी प्यारी धरा हमारी, इसका हमें गुमान है।…