मां शेरावाली-अशोक कुमार

मां शेरावाली तेरे द्वार पर आया, मां शेरावालिये। मेरी बिगड़ी बना दे, मां ज्योतावालिये।। आएं तेरे धाम माता, पैरों से चला नहीं जाता। मुझ में तुम शक्ति भर दे, काया…

चिड़ियाँ का घर-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

चिड़ियाँ का घर नन्हे-नन्हे “तिनके” लेकर जाती कहां हो बोलो उड़कर, सुबह से शाम तक चुनती हो तुम चिड़िया रानी फुदक-फुदक कर। तेरे तिनके की “गठरी”को जहां कहोगी मैं रख…

वीर बांकुड़ा कुंवर सिंह-अपराजिता कुमारी

वीर बांकुड़ा कुंवर सिंह आज बिहार के वीर बांकुड़ा का विजयोत्सव सब मिलकर मनाते हैं, वीर बांकुड़ा केसरी कुंवर सिंह की गर्जना को फिर से याद करते हैं। बांध मुरैठा…

शब्द पुष्पांजलि-अर्चना गुप्ता

शब्द पुष्पांजलि  हे साहित्य विभा के किरीट विशाल ! अंतस्तल समाहित जाग्रत भाव ज्वाल, है रस-छंद-ताल की प्रवाहित निर्झरणी भाव विशुद्ध अंतस, ज्यों नवल प्रवाल..। हे परमात्म ब्रह्म के अंश…

अम्बे कण मन में बसती हो-स्नेहलता द्विवेदी आर्या

अम्बे कण मन में बसती हो चमक असुर भयाक्रान्त हुआ, सज्जन साधु मन शांत हुआ। माँ साध्वी परम् तू तेजोमय, चन्द्रघण्टा भगवती मान हुआ। प्रेम स्नेह रसधार सहित, अम्बे कण…