नभ के ये नन्हें तारे नभ के ये नन्हें तारे मोतियों के जैसे प्यारे। होता नहीं अलगाव इनमें रहते बनाकर टोली जुगनुओं सा चमकते हैं खेलते आँख मिचौली दिन मे…
Author: Vijay Bahadur Singh
चम्पारण की दास्तान-कुमारी निरुपमा
चम्पारण की दास्तान सन 1917 की चम्पारण की दास्तान सुनो सुनो सुनो ऐ दुनिया वालों गांधी का अभियान सुनो। गांधी बनें थे सत्याग्रही चम्पारण की धरती पर यही उन्होंने बिगुल…
मै शिक्षक हूँ-अनुपमा अधिकारी
मै शिक्षक हूँ हाँ मैं शिक्षक हूँ, मैं राष्ट्र निर्माता हूँ चुनौती भरा जीवन है अपना हर कर्तव्य निभाता हूँ ! कभी बच्चों का गुरु बन जाता हूँ, तो कभी…
प्रदूषण और उसके प्रकार-सुधीर कुमार
प्रदूषण और उसके प्रकार उपयोग लायक न रह जाता न मानव का आ सकता काम। किसी चीज के गंदे होने का ही तो प्रदूषण है नाम। चार तरह के होते…
हे कौवे-डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
हे कौवे कौवे की थी पढ़ी कहानी, समझी न थी कैसा पानी। कंकड़ कैसे पानी लाये, कौवे ने पी ली क्यों पानी। उम्र बीत रही देखा कौआ, घर घर में…
समय का सदुपयोग-विजय सिंह नीलकण्ठ
समय का सदुपयोग समय होत बलवान जो जाने सारा सकल जहान करे समय का सदुपयोग वो बन जाते हैं महान। अशिक्षित या शिक्षित सबको समय का ज्ञान तो होता ही…
बाल जिज्ञासा-रुचिका
बाल जिज्ञासा माँ मेरी तुम मुझे बताओ, चिड़िया कैसे उड़ती आकाश में फिर कैसे वो नीचे आती कहाँ से लाती अपना खाना कैसे पानी पीती है? माँ बोली मेरी गुड़िया…
रंगों का त्योहार होली-रीना कुमारी
रंगों का त्योहार होली होली के दिन देखो है आये, रंगों की वर्षा संग में है लाये। बरसे रंगों की रंगीली फूहार, देखो फागुन में आई बहार। फागुन आया है…
और फिर कोरोना-गिरिधर कुमार
और फिर कोरोना यह क्या कसौटियां खत्म नहीं होती! कितनी बार कितनी परीक्षाएं कितनी उदासियां कौन सी सीमायें हैं इसकी सारा कुछ तो है कसौटी पर हम हमारे बच्चे हमारा…
दो ऐसा अचूक वरदान-विजय सिंह नीलकण्ठ
दो ऐसा अचूक वरदान हे प्रभु हमको ज्ञान प्राप्ति का दो ऐसा अचूक वरदान हर पल हर क्षण ज्ञान प्राप्त हो विनती करता हूंँ भगवान। ज्ञान पिपासा कभी न कम…