चूहा जब गया मेला एक चूहा बडा ही अलबेला घूमने जा रहा था मेला चुहिया से बोला वही सूट बूट निकाल दो जिसे सेठ के घर से लाया था वो…
Author: Vijay Bahadur Singh
शरद पवन-मनोज कुमार दुबे
शरद पवन यह शरद पवन मतवाली है चहूं ओर कुहासा धुंध लिए दिखता नही सूरज किरण लिए अग्नि के लपटों से सटकर जीवन की साथ बस खाली है यह शरद…
ज़िन्दगी-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
ज़िन्दगी कितनी पाक सुहानी है यह पल भर की जिंदगी। इससे तुम इबरत लेकर दूर करो मन की गंदगी ।। कितना खुश किस्मत हैं हम जो इंसानी शक्ल है पाई…
शहीदों की कहानी सुनो मेरी जुबानी-कुमकुम कुमारी
शहीदों की कहानी सुनो मेरी जुबानी शहीदों की कहानी, आओ, सुनो मेरी जुबानी। देश के खातिर जिसने, दे दी अपनी जिंदगानी। आओ बच्चों तुम्हें सुनाए, उनकी अमर कहानी। शहीदों की…
मित्रता-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मित्रता कृष्ण जैसा हो मित्र हमारा, दीन सुदामा को दिल हारा। प्रेम में पग कर जिसने अपने, बाल सखा को दिया सहारा। मित्र बना था कर्ण किसी का, कर दिया…
ऋतुराज वसंत-लवली वर्मा
ऋतुराज वसंत छह ऋतुओं में एक है, विशेषता जिसकी अनेक है। जिसमें होता सुखद अनुभव, ऋतुराज वसंत है वह। पुष्पित होते बाग-बगीचे, झूला झूलें वटवृक्ष नीचे। रागरंग होता है चहुं…
विद्या-दिलीप कुमार गुप्त
विद्या विद्या अनुपम अद्भुत सम्मान अन्तस जागृत प्रज्ञा अनुतान संकीर्ण तिमिर होता विदीर्ण प्रखर तेजपुंज पाता यशगान । विद्या लौकिक जीवन का आधार संपोषित प्रस्फुटित सद्व्यवहार आध्यात्मिक उन्नयन का नव…
सम्राट अशोक का मोह भंग-दिलीप कुमार चौधरी
सम्राट अशोक का मोह भंग अस्ताचल को गया था दिवाकर ; था विराजमान नभ में निशाकर । झिलमिला रहे थे सितारे ; दीपों की लगी थी कतारें । फहरा रही…
टीओबी हमारे सृजनहार-भवानंद सिंह
टीओबी हमारे सृजनहार नील गगन में लाखों तारे टीमटिमाते रहते हैं सारे, फिर भी अंधेरा मिटा न पाते एक अकेला चंदा मामा शीतल प्रकाश चहुँ ओर फैलाते, उसी तरह से…
माँ-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
माँ माँ ही जग में गुरु प्रथम, देती पहला ज्ञान। शीश झुकायें नित चरण, करें सदा सम्मान।। महिमा माँ की जानिए, माँ है देवी रूप। कौन चुका सकता कभी, ममता…