भारत मांँ की बेटियांँ…राम किशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

भारत माँ की बेटियांँ- प्रदीप छंद गीत

धरती से अंबर तक फैली, जिसकी गाथा खास है।
आज बेटियाँ भारत माँ की, रचती नव इतिहास हैं।।

आँगन की कोमल कलियों ने, महक बिखेरा आज है।
संग हवाओं से मिलकर जो, करती जग में राज है।।
उनके करतब के आगे तो, अम्बर हुआ उदास है।
आज बेटियाँ भारत माँ की, रचती नव इतिहास हैं।।०१।।

सीमा की रक्षा भी करती, धरकर चंडी रूप है।
अंतरिक्ष भी भेद रही जो, कौशल लिए अनूप है।।
औरों से लोहा मनवाना, आता जिनको रास है।
आज बेटियाँ भारत माँ की, रचती नव इतिहास हैं।।०२।।

खेल पढ़ाई योग नृत्य सब, जिसे झुकाते शीश हैं।
और इरादे रौशन हरपल, समता रख रजनीश है।।
राष्ट्र भक्ति की करे साधना, सुंदर सफल प्रयास है।
आज बेटियांँ भारत माँ की, रचती नव इतिहास हैं।।०३।।

गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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