नन्हें नन्हें कदमों से, चहलकदमी करते हुए, प्रकृति की अनुपम बेला में, भरकर चेहरे पर मुस्कान, सपनों का संग करके ध्यान, साथियों संग एक होकर, सब कुछ जाओ तुम भूल,…
Category: शैक्षणिक
सुन लें पुकार चलो शिक्षा के द्वार-विवेक कुमार
सुन लें पुकार चलो शिक्षा के द्वार जीवन है अनमोल, नहीं है इसका कोई तोल, बिन शिक्षा जीवन का, नहीं है कोई मोल, शिक्षा से ही मिलता है जग में,…
शुभागमन-विवेक कुमार
शुभागमन निश्छल चंचल मन, आंखों में संजोएं, सपनों की उमंग, फंख फैलाए भरने को गगन की उड़ान, नव आगंतुकों हेतु सज चुका है, शिक्षा का दरबार, आइए पधारिए हमारे भविष्य…
सुस्वागतम-सुस्वागतम-मधु कुमारी
सुस्वागतम-सुस्वागतम नव वर्ष का हो रहा नवल आगमन है आशा होगा जन जन का जागरण करते हैं हम संग उल्लास के स्वागतम संग आशाओं से है हर्षमय आगमन सुस्वागतम…सुस्वागतम…सुस्वागतम !…
बंदर की चतुराई – सुधीर कुमार
बंदर की चतुराई एक बार दो बिल्ली ने, एक रोटी कहीं थी पाई। किंतु खाते वक्त दोनों में, हो गई खूब लड़ाई। पहली बिल्ली कहती कि, मैं ही ज्यादा खाऊँगी।…
हम होंगे कामयाब एक दिन-सुधीर कुमार
हम होंगे कामयाब एक दिन हम होंगे कामयाब एक दिन। हम होंगे कामयाब एक दिन। माना लम्बा है रस्ता, बाधाएं भी हैं अनेक। आयेगी हजारों रुकावटें, कठिनाईयां एक से एक।…
चलो पेड़ लगाएं-बीनू मिश्रा
चलो पेड़ लगाएं आओ चलें हमसब पेड़ लगाएं पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाएं आओ हमसब कर लें यह प्रण तभी संभव है हमारा कल्याण अगर पेड़ तुम काटोगे तो ग्लोबल वार्मिंग…
सर्दी आ रही है-मधु कुमारी
सर्दी आ रही है धीरे धीरे दबे पांव सर्दी आ रही है गर्मी को अब सबक सीखा रही है गर्मी ने हमें खूब सताया सर्दी आया मजा चखाया कोहरे जमकर…
महीनों के नाम-बीनू मिश्रा भागलपुर
महीनों के नाम छाया कुहासा ओस गिरी जाड़े से जनवरी भर गई दिन हो गई बहुत छोटी और हो गई रातें लंबी, आया फरवरी फूलों की लड़ी बागों मंजरियों में…
राष्ट्रभाषा का सम्मान-बीनू मिश्रा भागलपुर
राष्ट्रभाषा का सम्मान” संस्कृत की लाडली बेटी है यह हिंदी, जन जन की भाषा है यह हिंदी सुंदर, मनोरम, मीठी और सरल है यह हिंदी, तेजस्विनी है और अनूठी है…