एक पौधा लगाऊंगा – राम बाबू राम

एक पौधा लगाऊंगा   एक पौधा लगाऊंगा, उसमें रोज पानी डालूंगा। जंगल-झाड़ काटकर, साफ-सुथरा रखूंगा, जब पौधा बड़ा हो जाए, उसके छांव में बैठूंगा। फिर झूला झूलूंगा, फल तोड़ घर…

हिंदी: सुर वाणी की जाया- राम किशोर पाठक

हिंदी, सुर वाणी की जाया- किशोर छंद सुर वाणी की जाया कहिए, हिंदी को। भूल रहे सब क्यों है गहिए, हिंदी को।। हृदय भाव में फिर से भरिए, हिंदी को।…

हिंदी मेरी भाषा

“हिंदी मेरी भाषा ”   हिंदी मेरी भाषा है, हिन्दी मेरी आशा है। हिंदी का उत्थान करना, यही मेरी जिज्ञासा है। हिंदी की बोली अनमोल, एक शब्द के की विलोम।…

बस मेरे सामने – विजय शंकर ठाकुर

बस !मेरे सामने …………। बस !मेरे सामने……….।बैठे हैं, उनींद आंखों में सपने लिए,एकटक निहारते काले श्यामपट्ट,तलाशते हुए भविष्य के रास्ते।बस ! मेरे सामने…………।कलम लिए नाज़ुक,दुर्बल हाथों में,धीमे स्वर में बुदबुदाते…

शिक्षक का अर्थ-विवेक कुमार

शिक्षक समाज के होते दर्पण, शिक्षा का वो करते अर्पण, बच्चों को देते हैं ज्ञान, शिखर पर पहुंँचना उनका काम, कच्ची मिट्टी से घड़ा बनाते, तपाकर उसे मूल्यवान बनाते, शिल्पकार…

शिक्षक तेरी सत्य कहानी – डॉ कार्तिक कुमार

शिक्षक तेरी सत्य कहानी   शिक्षक तेरी सत्य कहानी, हाथ में लेखनी आंख में पानी। जीवन  बिता विज्ञानी वाणी, सुनो अपनी सरल कहानी। पुरानी पेंशन हाथ ना आनी, बुढ़ापे मैं…

शिक्षक दिवस – हर्ष नारायण दास

शिक्षक दिवस शिक्षक नहीं है सामान्य व्यक्ति, वह तो शिल्पकार होता है। गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है।। उसने ही श्रीराम गढ़े हैं, वह ही श्रीकृष्ण निर्माता। वह…

शिक्षक – रत्ना प्रिया

शिक्षक अशिक्षित को जो शिक्षित कर दे, ज्ञान से तम को हर ले, दृढ.  आशा की किरण देकर, सुपथ पर ले जाते हैं। वह शिक्षक कहलाते हैं।   शिक्षक दिनकर-सा…