मुखौटा-

सुंदर मुखौटा लिए चेहरे पर, ईमानदारी का रंग चढ़ाया था। ईमान बेच कर उपदेश दे रहे, गीता का कसम खाया था।। दीवारें चिख कर कुछ कह रहे थे । “आंगन…

दोहा- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

विधा: दोहा रचनाकार: देव कांत मिश्र ‘दिव्य’ “”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” नित्य सुबह जगकर करें, हम ईश्वर का ध्यान। जिनकी महिमा है अमित, करुणा कृपा-निधान ।। नये वर्ष में क्या नया, करिए नित्य…

अलख जगाएँ-मीरा सिंह

अलख जगाएँ सोच समझकर कदम बढ़ाएँ इस दुनिया में नाम कमाएँ। जीवन धन अनमोल मिला है इस जीवन का मान बढ़ाएँ। मिल जाए गर विपदा कोई तनिक नहीं उससे घबराएँ।…

एक संदेश-अवनीश कुमार

है इतिहास साक्ष्य बनकर कह रहा जब जब अत्याचारियों का सितम बरस रहा जब जब मनुज स्वन्त्रता का अर्थ न समझ रहा जब जब मनुज पर परतंत्रता का संकट गहरा…