आओ सब मिल नव वर्ष मनायें, अपने सपने खूब सजायें। चेतनता का द्योतक है यह, सृजन का उद्घोषक है यह। आज मही पर नव वर्ष है आया, खुशियों का संगम है लाया।…
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आया है नववर्ष- शैलेन्द्र भूषण
प्रतिवर्ष है यह आता तन-मन को खूब भाता सृष्टि में फैला अद्भुत यह कैसा सुखद हर्ष आया है नववर्ष। हम कर गये प्रवेश सदी अगली है विशेष बीता हुआ हर…
नव संवत्सर का शुभागमन- सुरेश कुमार गौरव
चैत्र मास आया लेकर नव जीवन का संचार, संवत्सर नव मंगलमय, भर दे उमंग अपार। शुक्ल पक्ष की प्रथम रश्मियाँ शुभ संकेत लाए, वसुंधरा नव रूप सँवारकर हरियाली बरसाए। कोयल…
अमर शहीदों को नमन- सुरेश कुमार गौरव
वीरों की इस भूमि पर, गूँज रही शौर्य हुंकार, शान से बलिदानियों ने, लिखे नये संस्कार। भगत, सुखदेव, राजगुरु, थे अद्भुत रणवीर, फाँसी के फंदे को, हँस पहना जैसे शूर…
शौर्य का जयघोष – अवनीश कुमार
जब भी लगे तुम्हें, विश्वास तुम्हारा डगमगाने लगा है, लेकर आशा की मशाल, दशरथ माँझी-सा आना तुम एक और प्रहार करना तुम, हर दीवार गिराना तुम हर दीवार गिराना तुम।…
चिपको आंदोलन- रामकिशोर पाठक
अंधाधुंध वन कटने लगे, चलने लगी कुल्हाड़ियाँ। होने लगा विनाश वनों का, थी शहर की तैयारियाँ। राजस्थान जहॉं पहले हीं, वृक्ष रक्षा में नारियॉं। तीन सौ तिरसठ जानें दी, अमृता…
कविता की महिमा है न्यारी- अमरनाथ त्रिवेदी
कविता की महिमा है न्यारी, दिल को लगती बड़ी ही प्यारी। जो कोई इसमें खोना चाहे, मिलती खुशियाँ ढेरों सारी। कौन सी है वह बात, जो कविता में आती नहीं। कौन सी…
वे हँसते- हँसते झूल गये- रामकिशोर पाठक
वें हॅंसते-हॅंसते झूल गये, फाँसी को थें चूम गये। उम्र जवानी वाला लेकर, जोश तुफानी भर लाया। धूल चटाने अंग्रेजों को, वीर बाँकुरा चल आया। भारत की बेड़ी को जिसने,…
दीवानगी शहीदों की- अमरनाथ त्रिवेदी
राजगुरु, सुखदेव, भगत, हँसते हँसते फाँसी के तख्ते पर चढ़ गए। क्या गजब थी उनकी चेतना, जो सर्व बलिदान तक वे बढ़ गए। शोक का दिवस है आज, है शहीद …
इस वर्ष का ईद- संजय कुमार
बड़ा सुहाना है, मौसम इस माह का चेहरे के भाव बताते हैं खुशियों की रंग खेलते हिन्दू बरसाते फूल मुस्लिम अता करते नमाजियों पर, बरसाते गुलाब हिन्दू यही तो रूप…