खौफ-सीमा संगसार

झांकती हुई दो सूनी आंखों में खौफ नहीं जीवन जी लेने की तत्परता है दोनों कानों पर झूलता हुआ बित्ते भर का कपड़ा कफन की तरह पसरा हुआ है इन…

अपना भेज के अंतिम संदेश-रमेश कुमार मिश्र

अपना भेज के अंतिम संदेश,छोड़ के अपना देश, परदेश तुम चले गए,परदेश क्यों चले गए बदल के अपना भेष,खुश रहने का दे संदेश,कहो न क्यों चले गए,कहो ना क्यों छोड़…