गुरुजन – राघव दुबे

गुरुजन गुरुजन होते हैं सदा, जीवन की पतवार । उनसे ही हम सीख कर, रचते नव संसार । रचते नव संसार, समय पर खरे उतरते । सीख बने वरदान, पंथ…

साक्षात भगवान – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

साक्षात भगवान **†***†****†*****†*****† करते हम गुरु वंदना,धर चरणों का ध्यान, जिनकी कृपा कटाक्ष से,मिटे सकल अज्ञान। गुरु कृपा से सर्वसुलभ, ज्यों करते गुणगान। शरणागत हो जाते हीं, तजकर निज अभिमान।…

वंदन गुरु का करते सारे – अंजनेय छंद गीत- राम किशोर पाठक

वंदन गुरु का करते सारे – अंजनेय छंद गीत गुरुवर तेरे वैभव न्यारे। वंदन गुरु का करते सारे।। जो जन शरण तुम्हारी आते। पीड़ा मन की सहज भगाते।। सबको वर…

गुरु – रुचिका

गुरू अज्ञानता के गहन तिमिर से, ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाए। मन के भीतर के तमस मिटाकर, रोशनी चारों ओर पहुँचाए। गुरू के दिये ज्ञान से हमारा जीवन…

गुरु पूर्णिमा – मनु कुमारी

गुरु पूर्णिमा पावन दिन है आज का ,जन्म लिए ऋषि व्यास। तीन लोक नौ खंड में ,मानो हुआ उजास।। वेदों,की रचना किये,लिखे जगत का सार। कहती श्रीमद्भागवत, गुरु हैं अगम…

बच्चों को निपुण बनाएंँगे हम- नीतू रानी

बच्चों को निपुण बनाएंँगे हम। बच्चा को निपुण बनाएंँगे हम, बदलेंगे जमाना, बच्चा को ——–२। बच्चा हमारा कल का भविष्य है बच्चों से भरा हुआ मेरा स्कूल है, बच्चों का…

विवेकानंद – अहीर छंद – राम किशोर पाठक

विवेकानंद – अहीर छंद मानव का निज धर्म । किए सदा शुचि कर्म।। लिए अलौकिक ज्ञान। दिए अलग पहचान।। अद्भुत बुद्धि विवेक। विवेकानंद नेक।। सपने लिए अनेक। करना भारत एक।।…

मेरे डॉक्टर – रुचिका

मेरे डॉक्टर जो जानता रहा मेरी हर पीड़ा, जिससे कहा मैंने अपनी सारी तकलीफ बिना किसी दुराव और छिपाव के और जिसने हर दुख के निराकरण के लिए किए न…