आओ भारतवासी मिल कर ज़न-ज़न का आह्वान करें, नव गति, नव लय, गीत नया हो नव भारत का निर्माण करें। निर्माण करें हम उस युग का जिसमें ज़न-ज़न का उत्थान…
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नशे में युवा पीढ़ी – बिंदु अग्रवाल
नशे के गर्त में डूब रही है, आज की युवा पीढ़ी। कर्णधार कहलाते देश के, विकास की है जो सीढ़ी। नशे की कालाबाजारी का, धूवाँ घर-घर फैला। तन मैला,मन भी…
विनायक से विनय
विनायक से विनय- गीत हे गणनायक गौरी नंदन, होकर व्यथित पुकारे। हे विघ्नेश्वर! कृपा करो अब, हर लो क्लेश हमारे।। जीवन सुखमय चाह रहे हैं, लेकिन उलझा जाए। करूँ कार्य…
हिंदी का मान बढ़ाएँगे- विवेक कुमार
जो भाषा माँ से सीखी जाती, जग में सबका मान बढ़ाती, एकता का प्रतीक बन जाती, उसकी गाथा जन-जन को बतलाएँगे, उस हिंदी का मान बढ़ाएँगे। हिंदी की बिंदी जिसके…
एकावली- सुधीर कुमार
एकावली मात्रा — १० यति — ५,५ अंत — दीर्घ २१२ , २१२ राम का , नाम ले । सुबह ले , शाम ले ।। ध्यान हम , सब धरें…
किस्मत- जय कृष्ण पासवान
किस्मत बंधे हुए फरिश्तों का लकीर है । और चमकते हुए सितारों का तनवीर है वो। किस्मत हर ख्वाबों के टहनियों का तक़दीर है । और जिंदगी के कठिन राहों…
चलो एक दीप जलाएं – विवेक कुमार
चलो आज करें शुरुआत, निराशाओं को देकर मात, मन के मैल को हटाएं, तम को मन से दूर भगाएं, जीवन में रौशनी फैलाएं, चलो एक दीप जलाएं।। दे बेसहारे को…
कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला – अरविंद कुमार अमर
कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला, मन में यह प्रश्न कोंध रहा है? कैसी हो मेरी संकुल की पाठशाला। सजा -सजाया सुन्दर उपवन, नूतन निर्मल हो हर माला, ञ्यान मधू…
पृथ्वी की है करुणा पुकार-अरविंद कुमार अमर
पृथ्वी की है करुणा पुकार–: पृथ्वी की है करूणा पुकार, सुन लो मनुष्य इसे बार-बार । महलों-दो महलों को बनाकर, हम पर मत डालो इतना भार। सभी वृक्षों को नष्ट…
गीत -सुधीर कुमार
याद आती है बहुत ही गाँव की । धान गेहूँ की फसल का झूमना । पेड़ को हरदम लता का चूमना ।। खेत में हरियालियों की ठाँव की । याद…