एक सपेरा देखो देखो आया है एक सपेरा, आंगन के बाहर है डाला डेरा। ठुमक ठुमक के नाचे नागिन, बीन बजा के नचवाए सपेरा। खेल छोड़ कर बच्चों आओ, देख…
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चंदा मामा-मधु कुमारी
चंदा मामा देखो बच्चों निकला आसमां में चंदा मामा लगता देखो कितना प्यारा देती अपनी शीतल छाया तारों का वो राज दुलारा रौशन करता जग सारा चंदा मामा, चंदा मामा…
कागज की नैया-गिरिधर कुमार
कागज की नैया इतनी प्यारी सुंदर कितनी ये मेरी कागज की नैया टिप टिप वर्षा रानी बरसे खूब मटकती मेरी नैया भैया आये दीदी आई छुटकी सी राधू भी आई…
चंचल वन में कवि सम्मेलन-निधि चौधरी
चंचल वन में कवि सम्मेलन चंचल वन में मची है अफरा तफरी, चींटी हाथी खेल रहे पकड़ा पकड़ी। कबूतर काका ने उड़ उड़ संदेश सुनाया, कवि सम्मेलन राजा शेर ने…
दिनों के नाम-निधि चौधरी
दिनों के नाम सोमवार को चले स्कूल मंगलवार खिल गए फूल। बुधवार को आई नानी, गुरुवार हम सुने कहानी। शुक्रवार को लगे बाज़ार, शनिवार छुट्टी का इंतज़ार। आया प्यारा प्यारा…
क्रिकेट-निधि चौधरी
क्रिकेट जंगल में बंदर जी बोले चलो आज क्रिकेट खेलें। सबने इसमे सहमती जताया अंपायर हाथी को बनाया। बैटिंग करने गधा आया, पहले बॉल में कैच उड़ाया। बल्ला ले कर…
छत पर पाठशाला-विजय सिंह नीलकण्ठ
छत पर पाठशाला छत पर बैठा है लंगूर हाथ में उसके है अंगूर पास में बैठा एक लंगूर बजा रहा बाजा संतूर। देखने में बच्चे हैं मशगूल आनंद मिल रहा…