भारतीय संस्कृति का सदा बजता रहा है, विश्व में डंका, भारतीय जनमानस में क्या रहनी चाहिए कोई भी शंका? जहां देश से भी ऊपर माना जाता है, एक संविधान, यहां…
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Through Padyapankaj, Teachers Of Bihar give you the chance to read and understand the poems and padya of Hindi literature. In addition, you can appreciate different tastes of poetry, including veer, Prem, Raudra, Karuna, etc.
शांति का विकल्प-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
मनहरण घनाक्षरी छंद जब कभी युद्ध होता, शांति को मानव खोता, द्वंद में विनाश छिपा, संतों का है कहना। प्रेम भाईचारा जैसा, लड़ाई विकल्प नहीं, शांति प्रिय लोग चाहें, मिलजुल…
सर्दी का प्रहर-मनु कुमारी
रे! सर्दी का प्रहर, अब और ना ठहर! क्यों गरीबों के सिर पर तू, ढा रहा है कहर। रे सर्दी का प्रहर।। ठिठुर रहे हैं बच्चे बूढ़े, तन पर झूल…
सुहाना मौसम- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद सरसों के फूलों पर, तितली है मँडराती, बहारों के आने पर, हँसता चमन है। झूमती खुशी में डाली, खेतों बीच हरियाली, कोयल की तान सुन, खिला तन…
कर्त्तव्य के आलोक पथ पर – अमरनाथ त्रिवेदी
कर्त्तव्य के आलोक पथ पर , कुछ दीया मैं भी जला दूँ । सज दूँ इसे अवली बनाकर , प्रेमपथ में भी सजा दूँ । नेह सारे मिल गए ,…
प्रचंड ठंढ- ब्यूटी कुमारी
ठंढ़ है प्रचंड डस रहा बन भुजंग। बह रही सर्द हवा कांप रही है धरा। छाया घना कोहरा बह रही पछुआ हवा। रवि की किरण देखने तरस रहा है नयन।…
पिता एक संपूर्ण विकास प्रदाता- सुरेश कुमार गौरव
पिता एक अस्तित्व हैं जिसके रहने से स्थायित्व का बोध होता है घने वृक्ष की छाया में शांति का अनुभव होता है यानी दृढ़ स्थित प्रतिज्ञ कर्ता! धीरज ,धैर्य और…
अंगिका गीत- जयकृष्णा पासवान
दही चूड़ा चीनी आलूदम हो, हमरा नामन लगैय छै। नामन लगैय छै हमरा…२।। देखैल चलो मसूदन के द्वार- हो… हमरा नामन लगैय छै।। परबो तिहारो म पूजा-पाठ करला । देवीआरु…
मौसम का असर- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद दही-चूड़ा,तिल खा के, सूरज है अलशाया, कुहासे में दिखता है, धुंधला गगन है। पेड़ों की डालियों से शबनम टपक रही, बह रही मंद-मंद, शीतल पवन है। झरोखे…
चुप्पी कलम की- गौतम भारती
कलम! तू क्यों चुप है ? कुछ तो बोल । इंसानों की इंसानियत पर बोल , काबिलों की काबिलियत पर बोल । बोल हुनरबाजों का हुनर भी, और फिर, हैवानों…