चेतना वाणी का शुभ वरदान है हिंदी-शालिनी कुमारी

चेतना वाणी का शुभ वरदान है हिंदी हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।  हिंदी हमारे देश की मातृभाषा की पहचान…

यादों के आँगन में-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव

यादों के आँगन में यादों के “आँगन” में कुछ देर बैठकर, बीती कुछ बातों को “पलकों” में समेटकर। याद किया कैसे तुम “साल” बन कर आए थे,  मैंने भी खुशियों…

बचपन-मधु कुमारी

बचपन सच्चे सपनों का गुलशन प्यारा प्यारा होता है बचपन नन्हें नन्हें पंखों से भरती खुले आसमानों में ऊंची उड़ान छल कपट से दूर कोंपल मन ऐसा प्यारा होता है…

श्रेष्ठ भारत-लवली वर्मा

श्रेष्ठ भारत हमारा भारत, न्यारा भारत, राष्ट्रीय एकता एक पहचान। हमारा भारत, श्रेष्ठ भारत, समृद्ध संस्कृति जिसकी जान। प्रेम की बगिया इस माटी की, मानवता के खिलते पुष्प। द्वेष-घृणा के…

प्यारा देश हमारा है-देव कांत मिश्र दिव्य

प्यारा देश हमारा है वसुधा से जो लगन लगाये, वही देश का प्यारा है। पावन भावन सरिता की नित, चमक रही जलधारा है।। राम, कृष्ण का जन्मस्थल यह, भारत देश…

सृष्टि रानी-प्रकाश प्रभात

सृष्टि रानी सृष्टि रानी बहुत छोटी है,  पढ़ने को स्कूल जाती है। सृष्टि रानी बड़ी सयानी,  बच्ची कम लगती है नानी। बिना नाम लिखाए भी,  होमवर्क तैयार करती है। तनिक…

रिश्तों का मेला-मनु कुमारी

रिश्तों का मेला सबसे सुंदर, सबसे मनहर, होता यह रिश्तों का मेला, मिल-जुलकर सब हँसते-गाते, प्यार बाँटते जश्न मनाते, कोई न रहता यहाँ अकेला। रिश्तों का यह अनुपम मेला… समाज…

प्रकृति की छवि-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव

प्रकृति की छवि बसाके अपनी आँखो में तेरी अदभुत छटा निहार रही मन उपवन बन पुकार उठी प्रकृति की देख शृंगार सखी। तेरे हृदय के गहरे सागर में हंसो का…