बेटी के सपने की उड़ान को, अब कमतर कर नही तौलेंगे। बेटी सफलता की उड़ान है, उस पर कीचड़ नही उछालेंगे।। बेटा बेटी के अंतर को, अब पाटना बहुत जरूरी…
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मैं नारी हूँ- प्रियंका कुमारी
अबला नहीं, मैं नारी हूँ। करुणामयी , कल्याणी हूँ।। लज्जा सदैव सिरमौर रहा, अंतस में है कुछ खौल रहा , मैं दबी राख, चिंगारी हूँ। अबला नहीं, मैं नारी…
अबला नहीं तू सबला हो- अमरनाथ त्रिवेदी
हजारों वर्ष घटी पूर्व की घटना, हा! कलियुग में भी जारी है। बहन, भतीजी, माँ ,भांजी की अब भी खींची जाती साड़ी है। हा! आज भी दानवता जग में…
उठो बेटियों, अब तुम जागो- मधु कुमारी
उठो बेटियों, अब तुम जागो ना बेचारी, ना लाचार बनो। मचाओ हाहाकार, करो घोर चीत्कार, दुराचारियों का अब स्वयं संहार करो। बनो दुर्गा, बनो चंडी और काली का रौद्र अवतार…
भाई का पैगाम- विवेक कुमार
रक्षाबंधन पर, भाई का पैगाम, सभी बहनों के नाम, ओ मेरी बहना, राखी तू जरूर बाँधना, रक्षा का मैं वचन भी दूँगा, मगर इस कलयुग में, राक्षसी प्रवृत मानवों में,…
महिला शिक्षिकाओं को समर्पित- चांदनी समर
मम्मी मेरी शक्तिशाली, आधी रात उठ जाती है अंधेरे में जाग कर खाना वो बनाती है झाड़ू पोछा बर्तन कपड़े, फिर खुद जा नहाती है जूते मोजे बस्ता टिफिन हम…
अब ये कदम ना पीछे हटेंगे – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
ऐ सुन मेरे भाई मत बोल तीखा, अभी तो मैंने बस चलना है सीखा। पूरा है भरोसा स्वयं पर मुझको, मुकद्दर से मैंने लड़ना है सीखा। लगा ले चाहे कोई…
लक्ष्य- अमरनाथ त्रिवेदी
जाना है दूर मंजिल तुम्हे , चाहे मुश्किलों का दौर हो । सोए से जब जगे तुम , चाहे हर मुश्किलों का ठौर हो । मुश्किलों को छोड़ यूँ ,…
नये कदम विश्वास के- नीतू रानी
नये कदम विश्वास के ना डगमगाए कभी, तुम थाम लिया मेरा हाथ नहीं छोड़ना तुम कभी। हम हो गए तेरे तुम हो गए मेरे, हर सुख- दुःख में तुम साथ…
चुनाव – जय कृष्णा पासवान
गली मोहल्ले में आज इतना शोर-गूल क्यों है। जो लोगों को कभी समझा ही नहीं।। उनमें आज विकास की होड़ क्यों है। लगता है कहीं चुनाव तो नहीं है।।२ आज…