मौन नहीं रहना– मतगयंद सवैया छंद पार करें दुःख की घड़ियाँ हम, मौन नहीं रहना अब सीखें। छोड़ दिए हम क्यों लड़ना अब, ओज भरें, फिर दुश्मन चीखें।। वार करे…
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वीर कुँवर की हुंकार – एस. के. पूनम
विधा: मनहरण छंद मगध की भूमि पर, कुँवर सेनानी वीर, हुंकार शार्दूल सम, दुश्मनों के काल थे। न थी उम्र की चिंता, न थी शिकन की रेखा, आभा लिए रवि-सम,…
शुभ्रक की अमर गाथा – अवनीश कुमार
आओ सुनाऊँ तुम्हें, एक बेज़ुबान, स्वामीभक्त शुभ्रक की अमर कहानी… जब ऐबक ने राजपुताना लूटा, मेवाड़ का वैभव मिट्टी में रौंदा, राजा रावल सामंत सिंह का रक्त बहाया, राजकुमार करण…
सुनीता तेरे धैर्य – मनु कुमारी
चहुंओर ओर है छाई खुशियां,नवकलियां मुस्काई है । फ्लोरिडा के तट पर देश की बेटी, आज उतरकर आई है।। साहस शौर्य से भरी वो युवती, धैर्य दृढ़ता का पहन लिबास…
बेटी के सपने – अमरनाथ त्रिवेदी
बेटी के सपने की उड़ान को, अब कमतर कर नही तौलेंगे। बेटी सफलता की उड़ान है, उस पर कीचड़ नही उछालेंगे।। बेटा बेटी के अंतर को, अब पाटना बहुत जरूरी…
मैं नारी हूँ- प्रियंका कुमारी
अबला नहीं, मैं नारी हूँ। करुणामयी , कल्याणी हूँ।। लज्जा सदैव सिरमौर रहा, अंतस में है कुछ खौल रहा , मैं दबी राख, चिंगारी हूँ। अबला नहीं, मैं नारी…
अबला नहीं तू सबला हो- अमरनाथ त्रिवेदी
हजारों वर्ष घटी पूर्व की घटना, हा! कलियुग में भी जारी है। बहन, भतीजी, माँ ,भांजी की अब भी खींची जाती साड़ी है। हा! आज भी दानवता जग में…
उठो बेटियों, अब तुम जागो- मधु कुमारी
उठो बेटियों, अब तुम जागो ना बेचारी, ना लाचार बनो। मचाओ हाहाकार, करो घोर चीत्कार, दुराचारियों का अब स्वयं संहार करो। बनो दुर्गा, बनो चंडी और काली का रौद्र अवतार…
भाई का पैगाम- विवेक कुमार
रक्षाबंधन पर, भाई का पैगाम, सभी बहनों के नाम, ओ मेरी बहना, राखी तू जरूर बाँधना, रक्षा का मैं वचन भी दूँगा, मगर इस कलयुग में, राक्षसी प्रवृत मानवों में,…
महिला शिक्षिकाओं को समर्पित- चांदनी समर
मम्मी मेरी शक्तिशाली, आधी रात उठ जाती है अंधेरे में जाग कर खाना वो बनाती है झाड़ू पोछा बर्तन कपड़े, फिर खुद जा नहाती है जूते मोजे बस्ता टिफिन हम…