चाचा नेहरू निश्छल निर्मल स्वर्ण धरा पर, कोमल संग मुस्कान लिए, कच्ची मिट्टी सा मन है जिसका, भविष्य जिसके भाल है, नव निर्माण का जो आधार, जिसके मन भांप बजाते…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
नेहरु जी-नीतू रानी “निवेदिता”
नेहरु जी आज है 14 नवंबर का दिन आज के दिन हैं बड़े महान, आज हीं जन्म लिए नेहरू जी आपके लिए गाते जय गान। जब आप थे माता के…
बाल दिवस-ब्यूटी कुमारी
बाल दिवस तिथि नवंबर चौदह आता है हर साल चाचा नेहरू का जन्मदिन कहलाता दिवस बाल। दिल के भोले मृदु मुस्कान कोमल पंखुड़ियों वाला भाता उनको फूल गुलाब। करते थे…
निर्भयता का संदेश-सुरेश कुमार गौरव
निर्भयता का संदेश मेरा दीपक जलता जाए कुछ करने का अरमान लिए मनुज सेवा का वरदान लिए जीवन पथ के भूले पथिक को राह दिखाता जाए मेरा दीपक जलता जाए।…
स्व कर्तव्य-विजय सिंह नीलकण्ठ
स्व कर्तव्य जिसने हमें पहचान दिया उसके प्रति वफादार रहें दिनोंदिन उन्नति होगी कटु सत्य को याद रखें। क्या मात पिता को छोड़ जगत में दूजों को अपनाते हैं दूजे…
सूर्य और प्रकृति एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण में-सुरेश कुमार गौरव
सूर्य और प्रकृति एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण में सूर्य और प्रकृति ही संपूर्ण जीव जगत और मानव जाति का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। एक तरह…
प्रकाश पर्व-कुमारी निरुपमा
प्रकाश पर्व प्रकाश पर्व हमसबों ने काफी उल्लास से मनाया। किसी ने दीप तो किसी ने कैंडल जलाया। रंग बिरंगे झालरों एवं…
शिशु की हो बात मां दे सबको मात-विवेक कुमार
शिशु की हो बात मां दे सबको मात जननी को सलाम, यही है शिशु की जान, ईश्वर से ऊंचा दर्जा है इनका होती महान, नव कोंपल को खिलाकर, बनाती उसे…
प्रकाश पर्व-मधु कुमारी
प्रकाश पर्व चलो एक ऐसा दीप जलाएं मन के घने दुर्गुण तमस को सत्य के प्रकाश से जगमगाए आओ एक ऐसा दीप जलाएं…. करें ईर्ष्या, द्वेष, स्वार्थ की सफ़ाई मन…
मिट्टी का दीया-विवेक कुमार
मिट्टी का दीया अरमानों की साज सजा लो, हर घर को तुम सजा धजा लो, अपने मन मंदिर में एक दीप जला लो, सुकून का एक ज्योत जगा लो, धैर्य…