यह जीवन है यह जीवन एक आधार है, इसका रंग-रुप न आकार है। सबसे मिलते सबसे जुलते, हाथों में भी सबके हाथ है। जीवन में गर पैसा ही पैसा, तो…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
ॠतुराज वसंत-नरेश कुमार “निराला”
ॠतुराज वसंत शिशिर गये मधुमास आये बहने लगी वासंती बयार, मौसम अब तो हुआ सुहावना चमन में खिले कलियाँ हजार। विद्या की देवी सरस्वती माता वसंत पंचमी को आती है,…
शब्दों की शक्ति-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
शब्दों की शक्ति शब्दों में होती है शक्ति अपार यही करते हैं हमारे बेड़ा पार जहां होते हैं शब्दों के सुंदर बाग़ फूल बन जाती है धधकती आग। हमारे शब्द…
मात्राओं की पहचान-कुमारी अनु साह
मात्राओं की पहचान आओ कराएँ तुम्हें मात्राओं की पहचान जो होते हैं व्याकरण की जान पढ लिखकर तुम बनो महान पाओ जग मे ऊँचा स्थान। अ आ दोनों ही है…
डर-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
डर डर का दायरा बहुत बड़ा है, डर के आगे जीत खड़ा है। डर के मारे भयभीत जो होता, चैन की नींद वह कभी न सोता। करता शंका तरह-तरह की,…
प्रेम से जीना सीखें-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
प्रेम से जीना सीखें सदा प्रेम से जीना सीखें प्रेम ही जीवन सार है। अगर प्रेम से नहीं रहोगे जीवन तभी बेकार है।। नहीं कभी बिकता है जानो यही तो…
भोर की किरण-भोला प्रसाद शर्मा
भोर की किरण तुम भोर की किरण हो, जगना तो हर हाल में पड़ेगा। ये परम्परा है हमारी, तपना तो हर हाल में पड़ेगा। बिन तपे कोई दिखता नहीं, वह…
अंगड़ाई-धर्मेन्द्र कुमार ठाकुर
अंगड़ाई दो हजार बीस ने हमें बहुत सताया बाजार, विद्यालय, परिवहन, और प्रतिष्ठान सबके सब बंद करवाया घर में छुट्टी खूब बिताया। अब बहुत हुआ छुट्टी-छुट्टी का खेल, आओ लौट…
समावेशी शिक्षा-अवनीश कुमार
समावेशी शिक्षा समावेशी शिक्षा की संकल्पना दिव्यांगजन अधिकार कानून है अपना समावेशी शिक्षा की है अवधारणा सरल, सरस, समरस शिक्षा प्राप्त हो अपना समानता, मधुरता का पाठ पढ़ाता नई दृष्टि…
पढ़ लिख जाने दो ना-अपराजिता कुमारी
पढ़ लिख जाने दो ना बाबा करो अभी न शादी थोड़ा तो पढ़ लिख जाने दो ना, तन तो है गीली मिट्टी पूरी तो गढ़ जाने दो ना, मन भी…