बैठा पंछी एक डाल कर मिला मुझे रास्ते में, बैठा पंछी एक डाल पर। बना रहा था घोसला, तिनका तिनका जोड़कर।। आयी तेज आंधी और, तिनके बिखर गए जमीं पर।…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
भिक्षुक-रीना कुमारी
भिक्षुक देखो बच्चो भिक्षुक आया, दरवाजा उसने खटखटाया, मैले-कूचे कपडों में आया, मनही मन जैसे भरमाया, सब दिखाये उसपर माया, देखो बच्चो भिक्षुक आया। झोली उसकी फटी-चिटी, आँखें उसकी धसी-धसी,…
जीवन की उलझनें-प्रीति कुमारी
जीवन की उलझनें बैठी थी आज थोड़ी देर को अपने घर के बालकनी में, समय अपने मंथर गति से आगे बढ़ रहा था, हवा भी धीरे-धीरे बहती हुई मानो अपने…
हमारा प्यारा संविधान-नरेश कुमार निराला
हमारा प्यारा संविधान हम भारत के नागरिक हैं तिरंगा हमारी शान है, लोकतंत्र की रक्षा हेतु बना विशाल संविधान है। हजारों बलिदानों के बाद हमने आजादी पायी है, गणतंत्र के…
ग्रमीण सड़क-विजय सिंह नीलकण्ठ
ग्रामीण सड़क जब पहले ग्रामीण क्षेत्र में न होती थी सड़कें कीचड़ के संग खेला करते सब बच्चे लड़की लड़के। दुर्घटनाएँ न होती थी न था रोना धोना जब से…
संस्कारों से प्यार है-नूतन कुमारी
संस्कारों से प्यार है जो बना ले संतुलन परिस्थिति से, करे द्वंद्व स्वयं से और नियति से, कायम करे वर्चस्व, अपने कृति से, पाना देना व त्यागना सीखें संस्कृति से,…
मेरा विद्यालय-मधु कुमारी
मेरा विद्यालय मेरा विद्यालय है शिक्षा का अद्भुत आलय मिलता जहाँ मुझे शिक्षा का सार्थक ज्ञान ज्ञान पाकर जग में होता खूब मेरा नाम। विद्यालय के पेड़-पौधे और सुंदर वातावरण…
जीवन उत्सव है-मनु कुमारी
जीवन उत्सव है जीवन क्या है ? उत्सव है। सुख-दुःख से पार जाने का। निराशा छोड़ आशाओं का हाथ थामने का। हमेशा फूल पर नहीं, काँटों पर चलकर खुशी महसूस…
दिल की आवाज-मधुमिता
दिल की आवाज आवाज है, ये मेरे दिल की मैं बनके बादल इस धरा पर बरस जाऊँ मैं बनके सावन की घटा खेतों पर छा जाऊँ मैं अपनी इस पावन…
नारी शक्ति-कुमकुम कुमारी
नारी शक्ति नारी तुम नारायणी हो शक्तिपुंज हो, जीवनदायिनी हो सदा ही गतिमान हो तुम सर्वत्र विद्यमान हो। नारी तुम आद्यशक्ति हो तुम किसी से डर नहीं सकती जग में…