हे कौवे कौवे की थी पढ़ी कहानी, समझी न थी कैसा पानी। कंकड़ कैसे पानी लाये, कौवे ने पी ली क्यों पानी। उम्र बीत रही देखा कौआ, घर घर में…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
समय का सदुपयोग-विजय सिंह नीलकण्ठ
समय का सदुपयोग समय होत बलवान जो जाने सारा सकल जहान करे समय का सदुपयोग वो बन जाते हैं महान। अशिक्षित या शिक्षित सबको समय का ज्ञान तो होता ही…
और फिर कोरोना-गिरिधर कुमार
और फिर कोरोना यह क्या कसौटियां खत्म नहीं होती! कितनी बार कितनी परीक्षाएं कितनी उदासियां कौन सी सीमायें हैं इसकी सारा कुछ तो है कसौटी पर हम हमारे बच्चे हमारा…
पौधेे-प्रीति कुमारी
पौधे पौधे के हम पाँच अंग, जड़, तना, पत्ती, फूल और फल। जड़ पौधों को पानी देता, तना पत्तियों तक पहुँचाता। पत्ती लेती सूर्य से प्रकाश, वायुमंडल से कार्बन डायऑक्साइड…
हो जाइए तैयार-विवेक कुमार
हो जाइए तैयार आ गया पुनः करोना का वार पाना होगा हमें उससे पार रखना होगा संयम की धार ग्लब्स, मास्क, सैनिटाइजर, 2 गज की दूरी का रखना होगा हथियार…
शिक्षक-प्रकाश प्रभात
शिक्षक शिखर तक ले जाने वाले क्षमा की भाव रखने वाले कमजोरी दूर भगाने वाले अपनापन समझने वाले। सच्ची राह दिखाने वाले हरदम तो समझाने वाले प्रकृति मूल बताने वाले …
कर्म ही पूजा हैै-नूतन कुमारी
कर्म ही पूजा है स्नेह सरसता है जीवन, वात्सल्य भरा हमसब का मन, पारिज़ात पुष्प बन कर महको, फकत प्रेम से सींचो हर क्षण। शुभ मंतव्य रखो मन में, सच्ची…
सुबह हुई नींद से जागो-नरेश कुमार ‘निराला’
सुबह हुई नींद से जागो नींद से जागो आँखें खोलो प्रात: की सुंदर यह बेला है, रवि की अद्भुत लालिमा से जगत का सुख अलबेला है। झटपट करके बिस्तर छोड़ो…
नारी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
नारी श्रद्धा से प्रेरणा पा मनु को आई जागृति। नारी समाज की दामन से, जुड़ी भारत की संस्कृति।। नारी थी सीता, सावित्री, नारी अहिल्या, तारा है। इसी की ओट पाकर,…
शिक्षक-मुकेश कुमार
शिक्षक आओ हम सब मिलकर बच्चों का भविष्य बनाएं, हम शिक्षकों को जो काम मिला, उसे महान बनाएं। सरकारी विद्यालयों में परिवर्तन की लहर चल चुकी है, अपने आप को…