अच्छी आदत अच्छी आदत डालो भाई न करना तुम कभी लड़ाई उषा से पहले उठ जाओ भाई दाँतो की तुम करो सफाई दिनकर जैसे करो तू विचरण संध्या के संग…
Category: sandeshparak
Sandeshparak poems are poems that are used to convey a message with feelings. Through poems, statements related to the country, the world, and society are transmitted to the people. Teachers of Bihar give an important message through the Sandeshparak of Padyapankaj.
सफाई के प्रति जागरुकता-शालिनी कुमारी
सफाई के प्रति जागरूकता अंतर्राष्ट्रीय हाथ सफाई दिवस पर बच्चों ! ये बात तुम्हें समझानी हैं हो तुम्हीं देश के कर्णधार स्वछता अभियान तुम्हारे बिन बेमानी हैं। स्वयं को जागरूक…
हाथ धुलाई बीमारी की सफाई-मधु कुमारी
हाथ धुलाई बीमारी की सफ़ाई आओ मिलकर करें हाथ धुलाई कीटाणु, विषाणु की करें सफाई होती है छिपी हाथों में गंदगी सारी अनदेखी कीटाणु से होती है बीमारी। डायरिया, मलेरिया,…
हाथ धुलाई दिवस-एकलव्य
हाथ धुलाई दिवस हाथ पोर की गंदगी को अब दूर भगाना होगा , खाने के पहले बच्चों को साबुन से हाथ धुलाना होगा, टोले, विद्यालय, बस्ती को अब अलख जगाना…
स्वच्छता अभियान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
स्वच्छता अभियान गाँधी जी का था यह कहना, रोग मुक्त यदि है रहना। स्वच्छता जीवन में अपनाओ, यह मूल मंत्र है भाई, बहना। नित्य कपड़ों की करो धुलाई, घर, आंगन…
हाथ धुलाई शान बने-दिलीप कुमार गुप्ता
हाथ धुलाई शान बने अगणित कीटाणु रोगाणु पाते बसेरा पंजे में नख वज्रगृह हों जैसे पाते पोषण खुब मजे में । सुस्वादु व्यंजन संग सहज उतरते आमाशय में नयन नासिका…
अंतर्राष्ट्रीय हाथ सफाई दिवस-मनु कुमारी
अन्तर्राष्ट्रीय हाथ सफाई दिवस हमारे जीवन में स्वच्छता का है महत्वपूर्ण स्थान, स्वच्छता से हीं संभव है मानव का कल्याण। बिमारी से बचने का है यह सरल उपाय, साफ-सफाई से…
स्वच्छता सर्वोपरि-अनुज कुमार वर्मा
स्वच्छता सर्वोपरि स्वच्छ तन, स्वच्छ मन, स्वच्छ हो वातावरण। सब मिलकर लें प्रण, तो स्वच्छ बने, अपना वतन। 🙌🙌🙌🙌🙌🙌 स्वच्छता है अभियान , इसको अपनाना है। हाथ नियमित धुलाई कर,…
हाथ सफाई दिवस-एम एस हुसैन कैमूरी
हाथ सफाई दिवस सफाई से सफल है जिंदगानी यही तो है यूग युग की कहानी गंदगी से ही है आती बिमारी यह बात हैं बताते पूर्वज, ज्ञानी खाने से पहले…
धोते रहना हाथ-डाॅ. अनुपमा श्रीवास्तव
धोते रहना हाथ धोते रहना हाथ “साबुन” से मन का मैल भी धो लेना, अहंकार का अंश खत्म हो साफ रहे “मन” का कोना। रख लेना गज-भर की “दूरी” दिल…