मंगलकर्त्ता गणेश – रत्ना प्रिया

हे गजानन, विघ्नविनाशक, आप हैं मंगलकर्त्ता। हे विनायक, शुभ बुद्धिदायक, कष्ट हरो दु:खहर्त्ता।। आए हैं प्रभु, शरण तिहारी, जीवन मंगल कर दो, दुर्बुद्धि, छल का भाव, मिटा दो, मन में…

मनहरण घनाक्षरी- रामपाल प्रसाद सिंह

भाद्रपद शुक्लपक्ष, धन्य हे सुलक्ष्य लक्ष, वक्रतुंड महाकाय, चरण पखारते। कोमल- कोमल दूर्वा, मोदकम मोतीचूर्वा, मूषक वाहन बीच, लाल ही स्वीकारते। लाल वस्त्र लाल फूल, रक्त चंदन कबूल, नारियल संग…

आसमान पर छाओगे – कुमकुम कुमारी

सत्य मार्ग पर चलकर देखो, अद्भुत सुख को पाओगे। कभी नहीं तुम विचलित होगे, और नहीं पछताओगे।। जलने वाले वहीं रहेंगे, तुम आगे बढ़ जाओगे। जल-जल कर वो राख बनेंगे,…

मेरी अभिलाषा – डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप हरने की। जीवन में सत्य सुन्दर और अतुलित प्राण भरने की। समर्पित इस धरा को तम से आजाद करने की। अभिलाषा अहर्निश है मेरी संताप…

ज्ञान का अलख जगाते शिक्षक – दीपा वर्मा

बच्चों के होते, प्यारे शिक्षक, ज्ञान का अलख, जगाते शिक्षक। अक्षर ज्ञान, कराते शिक्षक, अच्छा बुरा, बताते शिक्षक। शिक्षक की महिमा अपरम्पार, बच्चों का स्वप्न साकार कराते, बनते इंजीनियर, डाॅक्टर,…

शिक्षा की ज्योति – ब्यूटी कुमारी

शिक्षक हैं शिक्षा के सागर, ज्ञान के गागर हैं शिक्षक। कुंभकार, सृजनहार और भविष्य के निर्माता शिक्षक। ज्ञान की दिव्य ज्योति जलाकर, अंधकार से प्रकाश में लाते शिक्षक। शिक्षक हैं…