पालक रक्षक प्रभु श्रीकृष्ण- अमरनाथ त्रिवेदी

तुम गीता के उपदेशक जग में, तुम नंद के राज दुलारे हो। तुम द्वारकाधीश बने प्रभु , तुम वसुदेव पुत्र प्यारे हो।। जितने तुम माँ देवकी के प्यारे , यशोदा…

श्री कृष्ण-चरित-माला- हर्ष नारायण दास

ॐ श्री पुरुषोत्तम स्वामी। सर्वातीत सर्वघट-गामी।। निर्गुण मायारहित अनन्ता। मायाधीश सगुण भगवन्ता।। परम दयामय लीलाधारी। पृथिवी-भार-हरन अवतारी।। भव-दुख-भंजन, दुष्ट-विनाशी। बन्दीगृह निज रूप विकाशी।। बन्दीसुत बन्धक-दल-गंजन। वासुदेव श्री देवकीनंदन।। नन्दकुमार यशोमति-लाला।…

उठो बेटियों, अब तुम जागो- मधु कुमारी

उठो बेटियों, अब तुम जागो ना बेचारी, ना लाचार बनो। मचाओ हाहाकार, करो घोर चीत्कार, दुराचारियों का अब स्वयं संहार करो। बनो दुर्गा, बनो चंडी और काली का रौद्र अवतार…

रेशम धागा में अटूट नाता – गिरीन्द्र मोहन झा

नाता अटूट है- बहन और भाई, रेशम का धागा औ’ भाई की कलाई, बहन के लिए क्या-क्या सौगातें आईं, प्रेम की, रक्षा की, कितनी खुशहाली छाईं, राखी के ऋण से…

कच्चे धागों में – अशोक कुमार

कच्चे धागों में, रिश्ते निभाना। भाई मेरी जान है, इसको ना भुलाना।। बहनों का प्यार तू, भाई मेरा संसार तू। राखी के बंधन को, कभी ना भुलाना।। रिश्ते हमेशा तू,…